19 मार्च 2008

शहीद भगत सिंह


23 मार्च प्रतिरोध के दो प्रतीक की शहादत का दिन है। इसमे भगत सिंह को हम सभी जानते हैं। लेकिन यही इसी दिन पंजाब के ही दूसरे प्रतीक पंजाब की ही धरती के अवतार सिंह 'पाश' थे जिन्होंने भगत सिंह की परम्परा को आगे बढाया। भगत सिंह पर लिखी पाश की यह कविता संघर्ष का साथी हो सकती है -

शहीद भगत सिंह
पहला चिन्तक था पंजाब का
सामाजिक संरचना पर जिसने
वैज्ञानिक नजरिये से विचार किया था
पहला बौद्धिक
जिसने सामाजिक विषमताओं की , पीड़ा की
जड़ों तक पहचान की थी
पहला देशभक्त
जिसके मन में
समाज सुधार का
एक निश्चित द्रष्टिकोड था
पहला महान पंजाबी था वह
जिसने भवनावों व बुद्धि के सामंजस्य के लिए
धुन्धुली मान्यताओं का आसरा नहीं लिया था


पहला पंजाबी
जो देशभक्ति के प्रदर्शनकारी प्रपंचों से
मुक्त हो सका
पंजाब
की विचारधारा को उसकी देन
संदार्स
की हत्या

असेम्बली में बम फेंकने और

फांसी के फंदे पे लटक जाने दे

कहीं अधिक है

भगत सिंह ने पहली बार

पंजाब को

जंगलीपन, पहलवानी व जहालत से

बुद्धिवाद की ओर मोडा था


जिस दिन फांसी दी गई उसे

उसकी कोठरी से

लेनिन की किताब मिली

जिसका एक पन्ना मोडा गया था



पंजाब की जवानी को

उसके आखिरी दिन से
इस मुड़े पन्ने

1 टिप्पणी:

bharat bhushan ने कहा…

complete poetry of paash is available at my blog http://paash.wordpress.com

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