08 अक्तूबर 2008

आजमगढ़ - आतंक का गढ़ हकीकत या फसाना--धिरेंद्रप्रताप सिंह

देश में आतंकवाद की कुछ घटनाओ के तर आजमगढ़ से जुड़ने के बाद पूर्वांचल के इस पिछडे जनपद का अतीत और भविष्य उभरकर सामने आ गया है /आजमगढ़ के कुछ नवजवानों के बहक जाने और आतंकवादियों से मिलने की घटना ने जिले के गौरवशाली अतीत को कलंकित कर दिया है /आज की कालिमा से कल के प्रकाश यानि राहुल संकृत्यायन अयोध्या प्रशाद उपाध्याय हरिओउध कैफी आज़मी चंद्रजीत यादव रामनरेश यादव जैशे शख्सियतों की सेवाए शर्मसार हो रही है /देश के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाला यह जनपद समय २ पर अपनी विभिन्न भूमिकाओ को निभाता रहा है /उत्तर प्रदेश में जब पीएसी का विद्रोह हुआ था उसमे भी आजमगढ़ के युवाओ की भूमिका महत्वपूर्ण थी और पीएसी के बहुत सरे जवान माय हथियार फरार हो गए थे और जरायम को अपना पेशा बना लिया था /आजमगढ़ मुस्लिम और यादव बहुल जिला है /यादव बिरादरी के अधिकांस जवान सुरक्षाबलों और सेना में रहकर परिवार और देश की सेवा कर रहे है /लेकिन मुस्लिम आबादी को उनके नेताओ ने गुमराह कर रखा है /जिले में कलाकार्खाने और ऑओद्योगिक विकास प्रायः शुन्य है /मुस्लिम समुदाय के लोग प्रायः मजदूरी के जरिये अपना भरण पोषण करते है /मजदूरी स्थानीय रूप से उपलब्ध न होने के कारन उन्हें कलकत्ता मुंबई या विदेश जाने के लिए विवास होना पड़ता है /उनकी इस मज़बूरी ने उन्हें साक्षरता के लिए भी प्ररित किया /जो अनपद युवा रोजगार के लिए बाहर गए उन्हें हर हालत में पैसे कमाने की धुन थी उनके पास यह जानने की न तो फुरसत थी और न ही जरूरत महसूस हुई की वह किसके साथ कम कर रहे है और क्या कम कर रहे है /उनकी इस मज़बूरी ने उनसे खुछ ऐसे कम भी करा डाले जिसका खुलासा करने में वह अपने घर परिवार में भी खतरा महसूस करने लगे और वह अपराध के दल दल में फसते चले गए /यही नही पैसो के लालच में उन्होंने अपने क्षेत्र के नए चेहरों को भी पैसो का लालच दे कर उसी दल दल में उतर दिया /आज यह बात खुलने पर यही गुमराह युवा आजमगढ़ और पूर्वांचल के माथे पर कलंक साबित हो रहे है /अब तक यह सिद्ध हो चुका है की आतंकवादियों केतार आजमगढ़ से जुड़े हुए है मगर हमारी सरकार और आला आफसर आज भी इस बात पर गंभीरता से विचार नही कर रहे है की यदि इन युवाओ को लोकल स्तर पर रोजगार मिलता तो शयद ये उन लोगो की पकड़ में नही आते जो उन्हें गुमराह करते है /राष्ट्रघाती और आतंकवादी गतिविधियों में सलग्न कर देते है /हत्या लूट मार करवाते है आतंकवाद फैलाते है और उन्हें आतंकवादी बना देते है /यदि गंभीरत से सोचे तो दोष आजमगढ़ या पूर्वांचल का नही है बल्कि हालत का है /यदि सरकार जिले के पिछडेपनको दूर करने ऑओद्योगिक टूर विकास के जरिये मुकीम तौओर पर रोजगार मुहैया करवाने का प्रयास करती तो विदेशो में रोजी रोटी के छककर में जिले के १४००० हजार जवान यही रह कर देश की सेवा करते और शायद तब उनके तार आतंकवादियों और देशद्रोहियों से न जुड़ते /आतंकवाद का कलंक लग जाने के बाद अब उन्हें सेना और अर्द्धसैनिक बालो की सेवा में लिए जाने में भी हिचकचाहट होगी /ऐसे दशा में यह खड़ी देशो में नौकरी की तलाश में पहुचेगे जहाँ इन्हे कम तो मिलेगा लेकिन धर्म की घुट्टी पिला कर देशद्रोह के लिए उकसाया जाएगा /इस सन्दर्भ में वोट की राजनीति भी खूब हो रही है /कुछ संगठन और राजनितिक दल इसकी आग पर रोटी सकने कोशिस कर रहे है /आतंकवाद के खोट में भी वोट तलाशने की उनकी यह कोशिश देश के लिए घटक है / अब समाया अ गया है की वोट बैंक की गन्दी राजनीति छोड़ कर हमें देश के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए /

1 टिप्पणी:

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

गंभीर विश्लेषण किया है आपने। अच्छा लेखन बधाई।

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