21 अगस्त 2009

विरोध की सजा फर्जी मुकदमा !

आजमगढ़ 21 अगस्त 09/ मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) के प्रदेश संयुक्त मंत्री मसीहुद्दीन संजरी पर आजमगढ़ के सरायमीर के थानााध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने लोक शान्ति भंग, आगजनी समेत दर्जनों धाराओं में गैरजमानती फर्जी मुकदमे लाद दिए हैं। संगठन ने कहा कि मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाने व कई बार संजरपुर, सरायमीर क्षेत्र में पुलिस और खास तौर पर थाना अध्यक्ष कमलेश्वर सिंह के खिलाफ आन्दोलन करने की वजह से बदले भावना के तहत फर्जी मुकदमा लादा गया है।
गौरतलब है कि आजमगढ़ में सांसद रमाकान्त यादव और उलेमा काउंसिल के बीच में हुए विवाद में एक युवक की मौत और कइयों के घायल होने के बाद पूरे जिले में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। इस बीच दूसरे दिन 12 अगस्त को कुछ उलेमा काउंसिल के लोगों और पुलिस के बीच संघर्ष भी हुआ। इस पूरी घटना को पीयूसीएल के प्रदेश संयुक्त मुत्री ने मसीहुद्दीन संजरी ने अपराधियों के राजनीतिकरण और कथित उलेमाओं के राजनीतिकरण का परिणाम बताते हुए सार्वजनिक तौर पर निंदा की। पर पुलिस ने उन्हें उलेमा काउंसिल का समर्थक बताते हुए उन पर फर्जी मुकदमंे लाद दिए।
संगठन ने पूरी घटना को पुलिस के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने की कोशिश बताते हुए तत्काल पीयूसीएल नेता पर से मुकदमा वापस लेने की मांग की है।

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