प्रभाश जोषी ने खुद को एक पत्रकार की छवि में समेटे रहने की बजाए जीवन पर्यंत पत्रकारिय मूल्यों व उसूलों को बचाए रखने के लिए संघर्श किया। हाल में उन्होंने चुनावों में पैसे लेकर खबरें लिखने के मामले में उन्होंने एकतरफा मोर्चा खोलते हुए इसके खिलाफ न केवल अखबारों में लेख लिखे, बल्कि एक अभियान चलाकर इसे चर्चा में लाया और अखबारों के इस रवैये के खिलाफ प्रेस कांउसिल को भी शिकायत भेजी। पत्रकारिता के छात्रों व युवा पत्रकारों को दिषा देने वाले जोषी ने पिछले दिनों इलाहाबाद विष्वविद्यालय में पत्रकारिता की शिक्षा के निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्श मंे खुद भागीदारी करते हुए इसे पत्रकारिता के लिए शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि पैसे से खरीदी गई शिक्षा से पैसा उगाही का ही गुर सिखा जा सकता है। उनकी याद में प्रस्तुत है इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण की खबर -
समाज विरोधी है बाजारु पत्रकारिता: प्रभाष जोशी
- पत्रकारिता विभाग के वि़द्यार्थियों के समर्थन में आये प्रख्यात पत्रकार प्रभाष जोशी
- सेल्फ फाइनेंस संस्थानों से निकले पत्रकार बनायेगें बाजारू समाज

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे स्ववित्तपोषित पत्रकारिता संस्थाओं से पढ़-लिख कर निकलने वाला पत्रकार या तो बाजारू समाज का निर्माण करेगा या तानाशाह समाज का। उन्होंने वर्तमान पत्रकारिता जगत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज की बाजारू पत्रकारिता का सरोकार जनमानस का हितैषी न होकर अखबार के प्राॅफिट के लिए हो गया है। सबसे बड़ी ताज्जुब की बात हो यह है कि श्री प्रभाष ने मंच से स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब से उनके आने की खबर सुनी है तब से अबतक ढेर सारे कागजात फैक्स और इंटरनेट के माध्यम से भेजकर इस आंदोलन में न आने की अपील की। उनने यहां तक बताया कि उन पत्रों में लिखा गया था कि पत्रकारिता विभाग के छात्रों द्वारा जो आंदोलन चलाया जा रहा है वह गलत है। उसके बहाने कुछ लोग राजनीति करने का काम कर रहे हैंै।
जोशी ने पत्रकारिता विभाग छात्रों के आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा, ‘‘आपके इस संघर्ष में, मैं हर कदम पर आपके साथ हूं और अगर इस लड़ाई में कभी ऐसी हालत आये कि आपको सर कटाना पड,़े तो मुझे आवाज देना, सबसे पहले सर कटाने वाला ये प्रभाष जोशी होगा।‘‘
इसके पहले उन्होंने सामाजिक लड़़ाई और जन सरोकार सम्बंधी सवालो को उठाने के लिए पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों की ओर से विभाग के सामने विकसित किये गये स्थल ‘खबरचैरा’ का लोकार्पण काॅमरेड जियाउल हक के साथ मिलकर किया। व्याख्यान में पूर्व न्यायाधीश राम भूषण मेहरोत्रा, साहित्यकार एवं हाईकोर्ट के वकील गुरू प्रसाद मदन, काॅमरेड जियाउल हक, श्री बल्लभ, पीयूसीएल के प्रदेश सचिव केके राय सहित शहर के तमाम बुद्धिजीवी उपस्थित हुए।
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