01 जनवरी 2010

अपनी ही पार्टी की जमीन खोदने पर उतारु भूमाफिया सपा विधायक

सूबे में जहां सपा को हार पे हार का मुंह देखना पड़ रहा है और वह आत्मोालचना में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ उसके छुट भैया विधायक अपनी ही करतूतों से पार्टी की नींव खोदने में लगे हैं। आजमगढ़ सदर विधानसभा से पांचवीं बार विधायक बने दुर्गा प्रसाद यादव द्वारा कोर्ट बंद होने के दौरान चलाया जा रहा जमीन कब्जा अभियान इसका ताजा उदाहरण है।
शहर से नाम मात्र की दूरी पर आजमगढ़-गोरखपुर रोड के हाफिजपुर चैराहे के पास पिछली पच्चीस तारिख से सैकड़ों ट्ैक्टरों, आधा दर्जन जेसीबी मशीनों, हजारों मजदूरों और सैकड़ों असलहाधारी गुंडों की मदद से यह पूरा अभियान चलाया जा रहा है। इस पूरी कार्यवायी से पूरा क्षेत्र आतंकित है। जमीन के मालिक सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने पच्चीस तारीख को आजमगढ़ के जिलाधिकारी मनीष चैहान से अपनी गुहार लगायी कि कोर्ट के बंद होने के दौरान उनकी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। कब्जा न रुकने पर सुभाष चंद्र यादव ने अठ्राइस और उन्तीस तारीख को डीआईजी केके त्रिपाठी से भी गुहार लगायी पर फिर भी कब्जा न रुका।
शहर कोतवाल अशोक दिक्षित और स्थानीय बलरामपुर पुलिस चैकी इन्चार्ज संतोष वर्मा इस पूरे मामले से अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए भूमाफिया विधायक के साथ खड़े होकर दलाल की भूमिका में नजर आ रहे हैं। सूबे में कानून व्यवस्था का ढोल पीटने वाली सर्वजन हिताय सरकार का पूरा प्रशासन इस दो करोड़ के इस जमीन कब्जा अभियान में अपना वारा न्यारा करने में लगा है।
दुर्गा प्रसाद यादव जून 2008 में भी कोर्ट बंद होने के दौरान इस जमीन पर कब्जा करने की फिराक में थे। इसके लिए सपा विधायक ने गोलमाल कर इस जमीन के पास की जमीन को चकबंदी में अपने नाम करवा लिया जो कि सड़क में है। इस आशय की जानकारी सुभाष चंद्र यादव के वकील अजय कुमार अग्रवाल ने दी की फरवरी 2008 में उन्हें पता चला कि विधायक ने चकबंदी में जमीन अपने नाम करवा ली है। यहां गौरतलब है कि एडवोकेट अजय कुमार अग्रवाल चतुर्भुज दास अग्रवाल के बेटे हैं जिनके पिता ने क्रमशः 1991 में दो बिस्वा, 1997 में पांच बिस्वा और 2005 में 7 बिस्वा जमीन सुभाष चंद्र यादव के नाम की। अजय दावे के साथ कहते हैं कि इस जमीन को उन लोगों ने सुभाष चंद्र यादव को ही बेचा था और अब विधायक दुर्गा प्रसाद यादव गुंडई से जमीन कब्जा कर रहे हैं। जब इन लोगों को पता चला कि विधायक जमीन कब्जाना चाह रहा है तो इन लोगों ने 29 मई 08 को जमीन पर स्टे ले लिया जिस पर कोर्ट ने 12 फरवरी 09 को फाइनल स्टे दे दिया। पर इस बार फिर से विधायक ने प्रशासन और अपने गुंडों के बल पर सुभाष चंद्र यादव की आठ बिस्वा और विजय कृष्ण और गोपाल कृष्ण की चार-पांच बिस्वा जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक दल-बदल और सपा के खिसकते जनाधार की वजह से बसपा के आला नेता विधायक के इस कब्जा अभियान में लगे हैं। उप जिलाधिकारी हरिलाल से भी पीड़ित पक्ष मिला। ऐसे में जहां होना तो यह चाहिए था कि मौके पर जाकर कब्जा रुकवाया जाय पर ऐसा न करके पीड़ित पक्ष को ही प्रशासन द्वारा दबाए जाने की लगातार कोशिश हो रही है।
इस जमीन कब्जा अभियान पर सपा के पूर्व विधायक और लंबे समय तक जिलाध्यक्ष की कमान संभालने वाले रामदर्शन यादव अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। तो वहीं आजमगढ़ के युवाओं को एकजुट करने में लगे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व महामंत्री संग्राम यादव गोल-मोल जवाब देते हैं। संग्राम का गोल-मोल जवाब देना स्वाभाविक है क्यों कि उनके पिता पूर्व पंचायती राज्य मंत्री बलराम यादव ने भी ऐतिहासिक गोविंद साहब मठ की जमीन को अपने बेटे राम सागर यादव के नाम करवा ली थी। ऐसे में भला किसी कब्जेदार के खिलाफ कैसे कोई कब्जेदार मुंह खोले। इस आशय की जानकारी सपा के बागी के रुप में जाने-जाने वाले एहसान खान ने दी जिन्होंने पिछली सपा सरकार में एमएलसी राम आसरे विश्कर्मा द्वारा कब्रिस्तान की जमीन कब्जा करने के खिलाफ आन्दोलन कर सपा से बगावत की थी। एहसान ने बताया कि हिंदू-मुस्लिम एकता की मिशाल गोविंद साहब में बाबा पलक दास की समाधि स्थल समेत एक बीघा जमीन को बलराम यादव ने लोधी किसान स्मारक शिक्षण संस्थान के प्रबंधक अपने पुत्र रामसागर यादव के नाम 2005 में करवा ली थी। कभी यादवों के बीच पूर्वांचल के मसीहा के नाम से नारों में उछाले गए बलराम यादव की पिछले चुनावों में हुयी हार में जमीन प्रकरण बड़ा मुद्दा बना था। लंबे आंदोलन और काफी थुक्का-फजीहत के बाद पिछली 22 दिसंबर को जमीन वापस ट्स्ट के नाम कर दी गयी।
इस पूरे जमीन कब्जा अभियान से यादव बाहुल्य आजमगढ़ के यादव सपा के प्रति आक्रोशित हैं। प्रगतिशील यादव युवा महासभा के बलवंत यादव ने कहा कि अब यादव गुंडे मवाली भूमाफियाओं के पीछे लामबंद नहीं होंगे, रही बात दुर्गा यादव की तो उनकी एक मात्र उपलब्धि यही है कि वे आजमगढ़ के हिस्ट्ीसीटरों की सूची में सुशोभित होकर पूरे जाति पर एक दाग हैं। अगला चुनाव वो अब नहीं जीत पाएंगे इसलिए जितना हो सके लूटने में लगे हैं। विधायक जिस तरह जमीन कब्जा कर रहे हैं उसका हम विरोध करेंगे और जरुरत पड़ी तो लखनऊ में सपा कार्यालय का घेराव भी होगा। इसका खामियाजा सपा को भुगतना पडे़गा।

साभार जनादेश

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