1 फ़रवरी, आजमगढ़/ मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का आतंकवाद के नाम पर मारे गए युवकों के गांवों के संभावित दौरे पर विरोध जताते हुए इसे अल्पसंख्यकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है।
पीयूसीएल के प्रदेश संयुक्त मंत्री मसीहुद्दीन संजरी, प्रदेश संगठन मंत्री राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि कांग्रेस ने बाटला हाउस कथित मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की जनपद वासियों खासकर अल्पसंख्यकों की मांग को लगातार टालती रही है। ऐसे में कांग्रेसी नेताओं के आतंकवाद के नाम पर मारे गए और पकड़े गए युवाओं के परिजनों से मिलने और गांव में जाने की कवायद कांग्रेस के अमानवीय और दोहरे चरित्र को उजागर करती है।
पीयूसीएल ने कहा कि पूरे जिले की हालत जम्मू-कश्मीर जैसी है। पिछले दो साल में दो बच्चों की हत्या सत्रह को जेल और ग्यारह बच्चे अब तक गायब हैं। इस कांग्रेसी आतंवाद ने पूरे जिले को मानवाधिकार हनन का मरकज बना दिया है। अब कांगे्रसी मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बजाय उनके परिजनों को झांसा देने के लिए राजनैतिक नौटंकी कर रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आजमगढ़ के लोगों ने जिस तरह पिछली साल काली पट्टी बांधकर ईद की नवाज अदा की थी अबकी बार अपनी खुशियों को आग लगाने वाले कांग्रेसीयों का स्वागत काले झंडों से करेंगे। कांग्रेसियों के चोरी-छुपे आने के प्रयासों से बाज आने की चेतावनी देते हुए पीयूसीएल ने कहा कि संगठन 2 फरवरी को ‘आजमगढ़ में मानवाधिकार उत्पीड़न और कांग्रेस सरकार की भूमिका’ पर रिपोर्ट जारी करके कांग्रेस की पोल खोलेगा।
नेताओं ने आगे कहा कि जिस तरह कथित युवा हृदय सम्राट राहुल गांधी दलितों के घर खाना खाकर दलितों को झांसा देते हैं वैसा वे आजमगढ़ के अल्पसंख्यकों के साथ नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस द्वारा गठित एन्टी कम्यूनल फोरम को पैतरेबाजी बताते हुए कहा कि फोरम और उनके संयोजक अमरेश मिश्र कितने सेक्यूलर हैं इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि उन्होंने 1857 पर लिखी अपनी पुस्तक का विमोचन लाल कृष्ण आडवानी से कराया था।
- द्वारा जारी
राजीव यादव
प्रदेश संगठन मंत्री, पीयूसीएल, उत्तर प्रदेश
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