31 जनवरी 2011

स्वाभिमान टाइम्स बना फर्जी खबरों का अखाड़ा

पिछले दिनों दिल्ली से निकलने वाले अखबार स्वाभिमान टाइम्स ने 27 जनवरी को पहले पन्ने पर वामपंथियों को अपराधी और लुटेरे बताते हुए खबर छापी। खबर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रिय मत्री प्रणव मुखर्जी के कथित बयान के हवाले से कि वामपंथी अपराधी और लुटेरे होते हैं, एक पूरी बहस करने की कोशिश की गई है। जिस पर अखबार के रिपोर्टर राम प्रकाश त्रिपाठी ने कई लोगों के बयानों के साथ वामपंथियों को अपराधी और लुटेरे पुष्ट करने की कोशिश की है।
इस खबर पर आपत्ती करने और गंभीरता से इसलिए सोचने की जरुरत है कि अव्वल तो प्रणव मुखर्जी का ऐसा कोई बयान देश भर के किसी भी जनसंचार माध्यम में देखने को नहीं मिला सिवाय स्वाभिमान टाइम्स के, जो कि एक नया अखबार है और जिसका सर्कुलेशन दिल्ली और एनसीआर के बाहर कहीं नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस खबर को तथ्यों की पुष्टि न कर पाने का रिस्क उठाते हुए भी इस अखबार ने खबर को अपने पहले पन्ने पर क्यों छाप दिया।

दरअसल छोटे अखबारों और वो भी खास-तौर से किसी बिल्डर या होटल मालिक जब अखबार निकालता है तो उसका स्वाभाविक झुकाव सत्ता की तरफ रहता है। उसकी कोशिश होती है कि वो अपने अखबार के माध्यम से सरकार और उसकी नीतियों से अपने नत्थी करके अपने आगे के हित को और सुरक्षित करे। जिससे सरकारी अमले से कम रिश्वत में अपना काम निकलवा सके। यह काम बडे़ अखबार रोज-ब-रोज खूब करते हैं पर बहुत ही शातिर परिपक्वता के साथ। क्योंकि उनके रिपोर्टर इस विधा के पुराने खिलाड़ी होते हैं और अपनी इसी विधा की मेरिट पर आज वे देश के कई राष्ट्ीय अखबारों में संपादक भी हो गए हैं। राम प्रकाश त्रिपाठी भी इसी विधा के प्रशिक्षु लगते हैं। जिन्होंने इक्सक्लूसिव खबर बनाने के लिए एक पूरे झूठे बयान की ही कहानी ही गढ़ दी जिसे न तो किसी ने कहा था न किसी ने सुना था।

दरअसल इस तरह की मानसिकता के पीछे आम तौर पर कम पढ़े लिखे या फिर शातिर संघी पृष्ठ भूमि से आने वाले पत्रकारों में तेजी से बढ़ती जा रही है कि वामपथियों को गरियाकर कारपोरेट मीडीया में अपने को एडजेस्ट करने की प्रवृत्ति है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान पत्रकारिता ओर खबरो की सुचिता होती है।

स्वाभिमान टाइम्स की इस प्रवृत्ति को परखने के लिए उसके संपादक निर्मलेन्दु साहा की एक पोर्टल पर विज्ञप्ति को देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने लिखा -‘‘नया रूप, नई सज्जा, नए तेवर और कलेवर के साथ राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्र ‘स्वाभिमान टाइम्स’ को योग्य, कुशल, अनुभवी और बड़ी-बड़ी हस्तियों से संपर्क रखने वाले संपादकीय सहयोगियों (उप-संपादकों, वरिष्ठ उप-संपादकों, मुख्य उप-संपादकों) के अलावा, संवाददाताओं और फोटो पत्रकारों की जरूरत है।’’ इन पंक्तियों से इस रिपोर्ट की सचाई को समझा जा सकता है कि किस तरह ऊंचे संपर्क वाले रिपोर्टर ने ऊंचे संपर्क वाले संपादक के लिए खबर लिखी।

जर्नलिस्ट यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी (JUCS) मानिटरिंग सेल द्वारा जारी।
शाहनवाज आलम, राजीव यादव, विजय प्रताप, राघवेंद्र प्रताप सिंह, शाह आलम, ऋषि कुमार सिंह, अवनीश राय, प्रसून, दिलीप खान, प्रबुद्व गौतम, हरेराम मिश्रा, राकेश, विवके मिश्रा। 09415254919, 09452800752

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

एक बात आज तक समझ नहीं आई कि 'नई पीढ़ी ब्लॉग' लिखने वाले शातिर लोगों ने लोगों को जमकर भरमाने की कोशिश की। तब तो तुम्हे कुछ याद नहीं आया। और जब कुछ एक लोग हकीकत को सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं तो मिर्ची लग रहीं है..क्यों?

वैसे एक बात बताता हूँ तुम्हारी हक़ीकत सब जान गए. संघ की आ़ड़ में जो तुमने हिन्दुओ को अपना निशाना बनाना और सिमी के संविधान को लागू करने का प्रकम चला रक्खा है।

अपना समय