11 अगस्त 2011

मालेगांव मामले की सुनवाई महाराष्ट्र से बाहर करवाई जाय- PUCL

मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने मुंबई हाई कोर्ट द्वारा मालेगांव धमाकों के दो आरोपियों को जमानत दिए जाने पर कड़ी आपत्ती की है। संगठन ने इसे न्यायपालिका के सांप्रदायिक रवैया करार देते हुए मामले के सुनवाई महाराष्ट्र के बाहर किसी दूसरे राज्य में कराने की मांग की है।
पीयूसीएल नेता मसीहुद्दीन संजरी, राजीव यादव, शाहनवाज आलम, तारिक शफीक और विनोद यादव ने कहा कि जिस आधार पर मुंबई हाई कोर्ट के जज एएम ठिप्से ने मालेगांव विस्फोट के आरोपियों शिवनारायण कालसांगरा और श्याम साहू को जमानत दिया उससे जज की हिंदुत्वादी मानसिकता उजागर होती है। क्योंकि इसी मामले में आज भी नौ मुस्लिम युवक जेल में बंद हैं। जिन्हें बिना किसी ठोस तर्क के आज तक जमानत नहीं दी गई।
मानवाधिकार नेताओं ने आगे कहा कि मंुबई हाई कोर्ट की सांप्रदायिक मानसिकता इससे भी जाहिर होती हैं कि जब एनआईए ने मकोका कोर्ट से इन अरोपियों से पूछताछ के लिए रिमांड हासिल कर लिया था तब हाई कोर्ट ने इस रिमांड पर स्टे लगा दिया था। उन्होंने हिंदुत्वादी अरोपियों की जमानत स्वीकार करने के जज के इस आधार को भी आपत्ती जनक बताया जिसमें इस धमाके की साजिश और उसे अंजाम देने वाले की जानकारी होने से उनके धमाकों में शामिल होना साबित नहीं हो जाता। पीयूसीएल नेताओं ने कहा कि किसी को राज्य द्रोह की साजिश और उसमें शामिल लोगों की जानकारी होने और बावजूद इसके वह पुलिस को सूचित नहीं करता है तो वह निश्चित रुप से अपराध का भागीदार है। उन्होंने कहा कि दोनों अरोपियों पर विस्फोट में इस्तेमाल हुई मोटर साइकिल और दूसरे अरोपियांे के बीच बातचीत के लिए मोबााइल और सिमकार्ड मुहैया कराने जैसे आरोप ही नहीं बल्कि साध्वी प्रज्ञा को अपने घर पर शरण देने का भी अरोप है।
पीयूसीएल नेताओं ने कहा कि जो नौ मुस्लिम युवक अभी भी इसी मामले में बंद हैं की जमानत की मांग को लेकर मालेगांव के मसावरात चौक पर चलने वाला धरना सौ दिन पूरे कर चुका है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो अदालतें बिना किसी ठोस सुबूत के सिर्फ शक के आधार पर सैकड़ों मुस्लिम नौजवानों को जेलों में सड़ा रही हैं वहीं दूसरी ओर तार्किक और संगीन अरोपों के बावजूमद हिंदुत्वादी संगठनों से जुड़े लोगों को जमानत दे रहीं हैं। इस फैसले को न्यायपालिका की सांप्रदायिकता की इंतहा बताते हुए पीयूसीएल मांग की कि मालेगांव मामले की सुनवाई महाराष्ट्र से बाहर किसी दूसरे राज्य में करवाई जाय।
द्वारा जारी-
तारिक शफीक, विनोद यादव
कार्यकारिणी संदस्य पीयूसीएल
मो0- 09455571488, 09454291958

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