tag:blogger.com,1999:blog-4056204975750408038.post1180678646065911487..comments2023-08-14T15:48:14.623+05:30Comments on नई पीढ़ी: हरिजन बस्ती में गाँधीबाबानई पीढ़ीhttp://www.blogger.com/profile/13439627440666276409noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4056204975750408038.post-47032552311774819382009-10-25T20:41:59.332+05:302009-10-25T20:41:59.332+05:30गांधी बाबा ने बनाया,
दलितों को "हरिजन"
क...गांधी बाबा ने बनाया,<br />दलितों को "हरिजन"<br />कांग्रेस बना रही है,<br />उन्हें अपना "परिजन"<br />पार्टी की हालत खराब है<br />अब बचा कोई जगजीवन राम सा मुखौटा<br />तभी राहुल बाबा ने,<br />उठा लिया लाठी-लौटा<br />चल पड़ते है हॉलीडे पर मन-मर्जी<br />आप असल समझे या फ़र्जी<br />ये है आपकी मर्जी-2<br />राहुल बाबा तो जाऐेगें ही <br />नाना जी की भारत एक खोज का,<br />पार्ट टू जो बनना है<br />कांग्रेस का दलित प्रेम जो दिखाना है।<br />ये देख सोचने लगे सारे नंबर बनाऊ,<br />एक दिन का फ्री स्टे मैं भी कर आऊं?<br />"पर का करैंगे अछूतन के घर को खा कै<br />सौनों का है अछूतन के घर<br />रोटी खवा दो बौहत हैगो"<br />2 अक्टूबर है बढ़़िया दिन <br />सारे "गांधीन" को खुश करबै को।<br />हरिजन से है राहुल बाबा को प्यार <br />आज उन्हें भी गोश्त खिला दो <br />गांधी का बड्डे बता दो।<br />चलो-चलो आज फिर,<br />दलित "हरिजन" हो गए<br />बहनजी के बड़्डे में,<br />बुलाया नहीं किसी नें<br />"गांधी बाबा" तो उन्हीं के है सदा से<br />कल वाले भी और आज वाले भी। <br />ये सोच चल पड़े नेता तन <br />संग ले चले अपनी पंखा-पलटन<br />का पता था कि,<br />जो माल ले कै जाएंगे<br />सारा चमचै ही चट कर जाएंगे।नवीन कुमार 'रणवीर'https://www.blogger.com/profile/17518069543329053477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4056204975750408038.post-58344185397300533672009-10-22T22:06:59.566+05:302009-10-22T22:06:59.566+05:30ऐसी ओछी राजनीती के जरिए कांग्रेस के 'बाबा'...ऐसी ओछी राजनीती के जरिए कांग्रेस के 'बाबा' दलितों में पैठ बनाना चाहते हैं. लेकिन ये पब्लिक है सब जानती है...अच्छी कविता.देवेन्द्र दत्तnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4056204975750408038.post-28614830156976013372009-10-22T21:39:05.482+05:302009-10-22T21:39:05.482+05:30कविता और कार्टून दोनों ही उत्कृष्ट हैं.कविता और कार्टून दोनों ही उत्कृष्ट हैं.प्रदीप कुमारnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4056204975750408038.post-66409361378801289932009-10-22T18:21:41.222+05:302009-10-22T18:21:41.222+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com