आवाज देकर
रिक्शे वाले को बुलाया
तो वह कुछ
गिरते हुए आया
मैंने उससे पूछा
ये तो बताओ कि
पैर में चोट है
कैसे चलाऊगे ?
रिक्शे वाला बोला
बाबू जी रिक्शा पैर से
नहीं
पेट से चलता है
मैं चुपचाप रिक्शे पर
बैठ गया
पर आज नज़रें थीं उसके पैरों पर
चन्द्र प्रकाश पाठक
इलाहाबाद
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