15 मार्च 2008

बंत सिंह की जीत, अदालत की हार !!


बंत सिंह प्रतिरोध के प्रतीक की उस धारा का नाम है जो भगत सिंह और अवतार सिंह पाश से होकर गुजरती है। जो सामंतवाद विरोध का एक प्रतीक है.

बंत सिंह पर जनवरी २००६ में हमला कर उनका दोनों हाथ काट देने वालों में से ७ अपराधियों को स्थानीय अदालत ने ७ साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा बेशक यह मंजूर करती है कि उन लोगों ने बंत सिंह पर हमला किए थे , पर इन सजाओं को कतई पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। बंत सिंह पर हमला इसलिए हुआ था की वह दलित खेतमजदुर नेता, संस्कृतिकर्मी और भाकपा (माले) कार्यकर्त्ता हैं लेकिन अदालत ने यह मनाने से इंकार कर दिया की उन पर हमला उनकी जाति के कारण हुआ।
बंत सिंह अपनी वह का बलात्कार किए जाने के खिलाफ न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्हें इस लिए अपमानित किया गया था की वह एक दलित होकर भी स्थानीय सामंतों के खिलाफ आवाज़ उठाते थे

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