26 अक्तूबर 2008

लखनऊ से पीयूएचआर के ४ कार्यकर्त्ता 'गायब'

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से आतंकवाद के नाम पर समुदाय विशेष के लोगों को प्रताडित करने के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर ह्यूमन राइट्स (पीयूएचआर) के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य और पत्रकार राजीव यादव (इस ब्लॉग के मोडरेटर भी) के बड़े भाई विनोद यादव गत २४ अक्तूबर से गायब हैं. विनोद अपने घर आजमगढ़ से तीन साथिओं के साथ लखनऊ जाने के लिए निकले थे. उनके साथ एक और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता सरफ़राज़ भी हैं. दोनों के फोन स्विच आफ बता रहा है. इस सम्बन्ध में पुलिस और प्रशासन के सभी उच्चाधिकारों से भी संपर्क किया जा चुका है, लेकिन सभी ने इन लोगो के सम्बन्ध में किसी प्रकार की सूचना से होने से इनकार किया है. लेकिन संभावना जताई जा रही है इन्हे एस टी एफ या ऐ टी एस के लोगों ने उठाया है. ये लोग उसी जिले के रहने वाले हैं जिसे कुछ समय से आतंकवाद की जननी के रूप में प्रचारित किया गया है. गौरतलब है की ये लोग आजमगढ़ से आतंकवादी बता कर उठाये गए मुस्लिम युवकों के परिजनों को कानूनी सहायता दिलाने का प्रयास कर रहे थे. पहले भी इन लोगों को आजमगढ़ पुलिस ने जिले में धरना देने से रोका था. लेकिन अचानक इनके गायब होने से आजमगढ़ के लोग भी ऐसी सम्भावना इस लिए भी जताई जा रही क्योंकि जिस दिन से ये लोग गायब हैं उसी दिन ऐ टी एस के लोगों ने आजमगढ़ से दिल्ली जा रहने दो और मुस्लिम युवकों को अगवा करने का प्रयास किया था. लेकिन उनकी यह कोशिश मानवाधिकार संगठन पीयूएचआर से जुड़े इन्हीं लोगों की सक्रियता के चलते नाकाम हो गया और अंततः इन युवकों को कानपूर में छोड़ दिया गया. यह ख़बर दैनिक हिंदुस्तान ने "मानवाधिकार संगठनों ने दो युवकों को ऐ टी एस से मुक्त कराया" शीर्षक से प्रकाशित भी किया था. यह घटना भी २४ तारीख की ही है, और विनोद और सरफ़राज़ भाई भी उसी दिन से गायब हैं. इसे लेकर उत्तर प्रदेश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों में जबरदस्त रोष व्याप्त है, आतंकवाद के नाम पर समुदाय विशेष के लोगों से लड़ते-लड़ते, सुरक्षा एजेंसियां अब मानवाधिकार संगठनों के लोगो तक पहुँच गई हैं. वैसे इसे लोगों का इस तरह से गायब होना कोई नई बात नही है. पहले भी ऐसे लोगों को नक्सलवादिओं के समर्थक या सरकार विरोधी करार कर प्रताडित करना सुरक्षा एजन्सिओं का शगल रहा है.लेकिन यह पहला मौका है जब की तथाकथित 'आतंकवादिओं' के समर्थों को इस तरह गायब किया गया है,
आप सभी साथिओं, पत्रकारों और सजग नागरिकों से अपील है की उत्तर प्रदेश एस टी एफ और ऐ टी एस की इस कार्यवाही के खिलाफ संघर्ष में हमारा साथ दे और अपने स्तर से सरकार पर इन लोगों को मुक्त करने के लिए दबाव बनायें.

पीपुल्स यूनियन फॉर ह्यूमन राइट्स की ओर से

राजीव यादव, ०९४५२८००७५२ शाहनवाज़ आलम, ०९४१५२५४९१९ विजय प्रताप, 09982664458
लक्ष्मण प्रसाद,०९८८९६९६८८८ ऋषि कुमार सिंह,09911848941

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