26 मार्च 2009

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बहाने बाटने की राजनीति

भले ही भाजपा नेता वरुण गांधी की अल्पसंख्यक विरोधी भाषण पर चुनाव आयोग ने थोड़ी बहुत खानापूर्ति कर ली हो लेकिन सांसद योगी आदित्यनाथ के घोर सांप्रदायिक विद्वेश फैलाने वाले भाषणों की सीडी जेयूसीएस के मानिटरिंग सेल द्वारा 20 मार्च 09 को निर्वाचन आयोग को भेजे जाने के बाद और चैनलों पर उसके दिखाए जाने के वावजूद भी निर्वाचन आयोग खानापूर्ती तो दूर इस पर जबान खोलने को तैयार नहीं है। जिसके चलते पूर्वांचल के दर्जनो जिलों में योगी का सांप्रदायिक फासिस्ट प्रयोग जिसका वैचारिक बिन्दु मुस्लिम नरसंहार और भारत को घोषित हिन्दू राष्ट् बनाना है बदस्तूर जारी है।
पूर्वांचल में रहना है तो योगी योगी कहना है, जो योगी जी नहीं कहेगा वो पूर्वांचल में नहीं रहेगा, यूपी अब गुजरात बनेगा-पूर्वांचल शुरुआत करेगा, जब कटुए काटे जाएंगे तब राम-राम चिल्लाएंगे, हर-हर महादेव गोधरा बना देव, देखो-देखो कौन आया हिंदू राष्ट् का शेर आया जैसे नारों के साथ जो धमकी अधिक लगते हैं का प्रयोग धड़ल्ले से चल रहा है जिसे सरकारी मशीनरी यहां तक कि चुनाव आयोग भी नजरअंदाज करता है। पिछले दिनों आजमगढ़ उपचुनाव में बसपा से भाजपा में आए बाहुबली रमाकांत यादव के प्रचार में योगी ने जिस लहजे में जहर उगला वो कहीं से भी किसी सांसद तो छोड़िए जिम्मेदार नागरिक की भी भाषा नहीं हो सकती थी। जिस अखबारों ने भी टिप्पड़ी की लेकिन चुनाव आयोग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। जेयूसीएस के शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने इस पर बयान देकर मांग की थी कि चुनाव आयोग रमाकांत यादव की उम्मीदवारी निरस्त करे लेकिन आयोग के रवैये के चलते ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसकी परिणति आगे चलकर अगस्त 2008 में योगी के लोगों के द्वारा प्रायोजित दंगे में हुयी। जेयूसीएस के इन नेताओं द्वारा पिछले तीन सालों से योगी की गतिविधियों की वीडियो रिकार्डिंग जिसमें उनके चुनावी भाषण भी हैं में योगी का सांप्रदायिक और फासिस्ट चेहरा साफ दिखता है। मसलन, आजमगढ़ उपचुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दिन 10 अप्रैल 08 को नगर पालिका चैराहा आजमगढ़ पर हुयी सभा में योगी ने कहा कि अभी हाल ही में हाईकोर्ट ने एक फैसले में चिंता जाहिर की है कि यूपी में सर्वाधिक हिन्दू लड़कियां मुसलमानों के साथ जा रही हैं। इस कल्पित हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए योगी आगे कहते हैं कि हमने गोरखपुर में एक नयी परंपरा शुरु की है जहां मुस्लिम लड़कियों को हिंदू रख रहे हैं। इस तरह हम नस्ल शुद्धि कर रहे हैं जिससे हम एक नयी जाति निर्माण करेंगे। योगी आगे कहते हैं यह परंपरा आजमगढ़ में भी शुरु होगी अगर कोई एक हिंदू लड़की मुस्लिम के यहां जाती है तो हम उसके बदले सौ मुस्लिम लड़कियों को ले आएंगे। योगी यहां उपस्थित जनता को उकसा कर उनसे अपनी बात पर हामी भी भरवाते हुए कहतें हैं कि अगर वे एक हिंदू को मारेंगें,तो इसके जवाब में जनता उनके साथ दोहराती है कि वो सौ को मारेंगे। इसी भाषण में योगी बाहुबली प्रत्याशी रमाकांत यादव को हनुमान बताते हुए कहते हैं कि देश सिर्फ माला जपने से नहीं चलता इसके लिए भाला चलाने वालों की भी जरुरत है। और भाला वही चलाएगा जिसकी भुजाओं में दम होगा, शिखंडी और नपुसंक लोगों के बूते ये लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इस बात के बाद मुसलमानों को केंद्रित करते हुए योगी कहते हैं कि इन अरब के बकरों को काटने के लिए तैयार हो जाइए। जो काम अब तक छुप कर होता था वो अब खुलेआम होगा। इसी सभा में योगी कहते हैं कि आजमगढ़ का नाम किसी मुस्लिम के नाम पर होना शर्मनाक है, इसका नाम हमें आर्यमगढ़ करना है। योगी अपनी धार्मिक छवि की आड़ में अपने फासिस्ट एजेण्डे को शस्त्र और शास्त्र का मिश्रण बताकर इसे हिंदुओ की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति बताते हैं।
गौरतलब है कि आजमगढ़ को आतंकगढ़ कई सालों से योगी कहते आ रहे हैं जिसे बाद में मीडिया भी धड़ल्ले से इस्तेमाल करने लगी। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि गोरखपुर ,महराजगंज, पडरौना, देवरिया में जहां लंबे समय से चल रहे फासिस्ट प्रयोंगो के तहत कई मुहल्लों के नाम जिसमें उर्दू टच दिखता है को बदल दिया गया है। मसलन, उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, अली नगर को आर्य नगर, शेखपुर को शेषपुर, मियां बाजार को माया बाजार, अफगान हाता को पाण्डे हाता, काजी चैक को तिलक चैक समेत दर्जनों नाम हैं।
जेयूसीएस की माॅनीटरिंग टीम जो मानवाधिकार से जुड़े विभिन्न पहलुओं, सांप्रदायिकता और आतंकवाद की राजनीति पर लम्बे समय से मानिटरिंग कर रही है ने पाया कि योगी आदित्यनाथ के जमीनी प्रयोग एक ऐसी नस्ल तैयार करने में लगे हैं जो विशुद्ध फासिस्ट हो, जिसका इतिहासबोध हद दर्जे तक मुस्लिम विरोधी मिथकों पर टिका हो और जो किसी भी तरह के गैर हिंदू प्रतीकों को बर्दास्त न करता हो। जिसको हम उनके प्रयोग स्थलों पर साफ देख सकते हैं। जैसे महराजगंज के भेड़िया बकरुआ गांव में योगी के स्टाॅर्मट्ूपर्स हिंदू युवा वाहिनी के लोगों ने कब्रस्तानों को ट्ैक्टर्स से जुतवा दिया। 2007 में पडरौना में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों को जला कर उनकी जगह प्रशासन के सहयोग से रातों रात हिंदू दुकानदारों को बसा दिया। जिसे शासन प्रशासन दंगो की फेहरिस्त में भी नहीं मानता लेकिन इस पूर्व नियोजित इस दंगे की संभावना महीने भर पहले ही कोतवाली में स्वयं पुलिस द्वारा दर्ज है।
बहरहाल उसी दिन यानी 10 अप्रैल 08 को ही एक अन्य सभा में बिलरियागंज आजमगढ़ में योगी ने कहा कि जो लोग हमारे हिंदुत्व के संकल्प से सहमत नहीं हैं उन्हें शाम तक आजमगढ़ छोड़ देने की तैयारी कर लेनी चाहिए। इस सभा में योगी की उपस्थिती से उत्साहित भाजपा नेताओं ने जहां मुस्लिमों को देश के खाद्यान संकट के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि मुसलमान सूअर के पिल्ले की तरह बच्चे पैदा करके उन्हें आतंकवादी बनने के लिए छोड़ देते हैं। वहीं योगी ने मस्जिदों की मीनारों को बाबरी ढ़ाचे की तरह तोड़ने का आह्वान किया।
योगी अपने भाषणों में किसी दूर-दराज इलाके के हिंदुओं के उत्पीड़न की मनगढ़ंत कहानियां सुनाकर स्थानीय स्तर पर मुसलमानों से बदला लेने के लिए हिंदू भीड़ को उकसाते हैं। मसलन इसी सभा में वे कहते हैं कि मेरठ में हिंदुओं के साथ मुसलमान आतंकी व्यवहार करते हैं जिसके चलते हिंदू लड़कियों की पढ़ाई -लिखाई छूट गई है। अधिकतर हिंदू परिवारों ने अपनी बेटियों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है क्योंकि मुसलमान उनको उठा ले जाते हैं और उनके साथ सामूहिक दुराचार करते हैं और उन पर तेजाब डाल देते हैं। इन सभी सभाओं में चुनाव आयोग से लेकर स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे लेकिन किसी को भी योगी की बातें ऐसी नहीं लगी जिसके खिलाफ कार्यवाई होनी चाहिए।
मानीटरिंग करने वाले राजीव यादव और शाहनवाज आलम का कहना है कि सिर्फ चुनाव आचार संहिता के लागू रहने के समय ही किसी के भाषणों की सरकारी स्कैनिंग दर्शाती है कि ऐसा सिर्फ चुनावी फायदे नुकसान की दृष्टि से किया जाता है। वे आगे कहते हैं कि ऐसा करके आप किसी भी सांप्रदायिक नेता कोखुली वैधता दे देते हैं कि वो गैर चुनावी समय में अपने सांप्रदायिक भाषणों से माहौल बिगाड़ता रहे। वे आगे कहते हैं कि उनके पास फरवरी 2008 में बस्ती के भारत भारी गांव में आयोजित हिंदू चेतना रैली की वीडियो रिकार्डिंग है जिसमें योगी के लोगों ने खुलेआम कहा कि भारत को हिंदू राष्ट् बनाने के लिए मुसलमानों का वोट देने का अधिकार छीन कर उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया जाएगा। उनकी मस्जिदों की मीनारों पर भगवा झण्डे लगाकर शंखनाद किया जाएगा और उसमें सूअर पालन किया जाएगा। एक वक्ता ने तो यहां तक कहा कि कब्रस्तानों से मुस्लिम महिलाओं के कंकाल निकाल कर उनसे बलात्कार किया जाएगा। लेकिन चुनाव आचार संहिता से बाहर होने के कारण वो किसी के लिए सवाल नहीं है।
गौरतलब है कि योगी जिस पीठ के उत्तराधिकारी हैं वहां लंबे समय से उग्र हिंदुत्व खास कर सावरकर लाइन की पकड़ है। जहां माले गांव विस्फोटों में लिप्त अभिनव भारत की नेता और सावरकर की बहू और गांधी जी के हत्यारे गोडसे बेटी हिमानी सावरकर का आना-जाना रहता है। दरअसल योगी का हिंदुत्व वादी एजेण्डा सावरकर और गोडसे की हिंदू महासभा की ही ब्लूप्रिंट है। जिसकी तस्दीक इस तथ्य से भी होता है कि गांधी जी की हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर इसी गोरक्षपीठ की थी जिसमें तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ जो हिंदू महासभा के नेता थे और गांधी जी की हत्या के षड़यंत्र में जेल में भी थे। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि योगी की कार्यशैली और उसके उद्देश्य पूरी तरह से मालेगांव अभियुक्तों के खिलाफ आयी चार्जशीट से मेल खाती है। जैसे पुरोहित, प्रज्ञा इत्यादि गंगा के मैदानी भाग में सशस्त्र हिंदू विद्रोह करना चाहते थे तो ठीक उसी तरह योगी भी इसी भू-भाग में जिसे वे पुण्यांचल कहते हैं में सशत्र हिंदू प्रतिरोध की बात खुलेआम करते हैं। वैसे योगी के लोग लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में लिप्त पकड़े गए हैं। अभी पिछले साल ही पूर्व भाजपा सांसद और कथित संत राम विलास वेदांती जो एक टीवी चैनल के स्टिंग आपरेशन में काले धन को सफेद करने में पकड़े जा चुके हैं, को सिमी की तरफ से धमकी मिली थी। जिसके खिलाफ हिंदू युवा वाहिनी समेत पूरे भगवा कुनबे ने धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया था। लेकिन जब पुलिस ने छान-बीन की तो इस पूरे प्रकरण के मास्टर माइंड स्थानीय हिंदू युवा वाहिनी के नेता ही निकले जो स्वयं धरने प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे। जिस खुलासे के बाद वेदांती ने एफआइआर वापस ले ली। ठीक इसी तरह अगस्त 2008 के आजमगढ़ के प्रायोजित दंगे में जिसमें योगी के लोगों ने फायरिंग करके एक मुस्लिम नौजवान की हत्या कर दी और जिसे योगी ने अपने उपर हमला बताया था में भी इंण्डियन मुजाहिदीन की तरफ से योगी पर हमला करने वालों को बधाई भरा मेल मिला। जो इस भगवा ब्रिगेड के इस कथित आतंकी संगठन से रिश्ते पर सवाल उठाता है। जबकि पूरा शहर जानता है कि यह दंगा योगी के लोगों ने ही किया था। वहीं अभी पिछले साल पुलिस द्वारा जारी पूर्वांचल के सबसे सांप्रदायिक और अपराधी लोगों में भी योगी आदित्यनाथ शीर्ष पर थे।

जेयूसीएस मांग करती है कि-
1-सांसद योगी आदित्यनाथ की संसद सदस्यता रद् करते हुए उनका नामांकन रद् किया जाय और भविष्य में भी बाल ठाकरे की तरह चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाय।
2-योगी आदित्यनाथ पर सांप्रदायिक विद्वेश फैलाने का मुकदमा दर्ज किया जाय।
3-मउ, गोरखपुर, आजमगढ़,पडरौना,श्रावस्ती समेत पूरे पूर्वाचल के दंगों में लिप्त योगी और उनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी पर तत्काल प्रतिबंध लगाते हुए संलिप्तता की उच्चस्तरीय जांच की जाय।
4-योगी के विवादित भाषणों के समय मौजूद रहे जिले के अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाय।
जर्नलिस्ट्स यूनियन फाॅर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) द्वारा जारी चितरंजन सिंह (पीयूसीएल) ,अनिल चमाड़िया (स्वतंत्र पत्रकार), सुभाष गताडे (स्वतंत्र पत्रकार), शाहनवाज आलम,राजीव यादव, विजय प्रताप, ऋषि सिंह, अतुल चैरसिया उपमंत्री अयोध्या प्रेस क्लब, मोहम्मद शोएब (एडवोकेट), असद हयात (एडवोकेट), फरमान नकवी (एडवोकेट), के के राय (एडवोकेट), जमील अहमद आजमी (उपाध्यक्ष हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद), विनोद यादव, बलवंत यादव, महंत जुगल किशोर शास्त्री, प्रबुद्ध गौतम, लक्ष्मण प्रसाद, अलका सिंह, ए बी सालोमन, तारिक शफीक, मसीहुद्दीन, अरविंद सिंह, प्रदीप सिंह, अखिलेश सिंह,अरूण उरांव, पंकज उपाध्याय, विवेक मिश्रा, शशिकांत सिंह परिहार, विनय जयसवाल, राजकुमार पासवान, अरविंद शुक्ला, शरद जयसवाल,शालिनी बाजपेयी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, अविनाश राय, पीयूष तिवारी, अर्चना मेहतो, प्रिया मिश्रा, राहुल पांडे, वगीश पांडे, ओम प्रताप सिंह, अरूण वर्मा,शैलेष पाण्डे।
संपर्क सूत्र- 09415254919,09452800752,09982664458,09911848941

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