24 अप्रैल 2009

जूता प्रतिरोध

शालिनी वाजपेई
इस देश की सुगंधित हवा, सोंधी मिट्टी, मीठा पानी सबकुछ खत्म हो गया
अमेरिका ने अपनी सारी ताकत लगा दी इस देश के खात्मे में
मासूम आंखों में मौत का खौफ भर दिया
अनगिनत लोगों को राख बना दिया
समूचे इराक को कबगाह में तŽदील कर दिया
इसे बारूद के ढेर में बदल दिया
शेष बचे लोगों को जिंदा लाश बना दिया
सुगंधित हवा में लाशों की सड़ांध की गंध भर दी
अमेरिका चाहता भी है कि कल हरियाली की जगह लाशों के ही पेड़ उगें
ताकि, इसे इराक के तेल कुएं मिल सकें
इन लाशों के पेड़ से एक ऐसी लाश निकली
जिसे अमेरिका ने ही लाश बनाया था
और उसे देखकर वह ही डर गया
डर गया उस लाश के जूते से
जो अमेरिका के मंुह पर लाश ने फेंका
अमेरिका चकित रह गया कि लाश जूता कैसे मार सकती है
लेकिन यह सच है अमेरिका कि लाश ने तु हें जूता मारा है
और जूते से बचने के लिए ही सही, तुमने अपना सिर भी झुकाया है
तुम इसके बाद लाश को दफन कर देना
और लाशों की तरह ही
कोई फर्क नहीं वह तो लाश ही है
लेकिन अमेरिका इसी तरह एक दिन सारे विश्व की प्रताçड़त जनता
जिसे तुमने लाश बनाया है तु हें जूतों से ही मारेगी
किसके-किसके जूते से बचोगे
किसको-किसको जेल में डालोगे
मार डालना फिर चाहे इन लाशों को
अब यही लाशें तुमसे हिसाब मागेंगी
उड़ा देना इनको अपने टैंक और मिसाइलों से
अब लाशें प्रतिशोध करना सीख गई हैं
चढ़ा देना इनको भी फांसी पर सद््दाम की तरह
लेकिन इतिहास हमेशा गवाह रहेगा
कि दुनिया के सबसे खतरनाक तानाशाह को
इराक की एक लाश ने जूता मारा था
बदल पाना तो बदल देना
इस इतिहास को अपनी ताकत से
अब देखना है अमेरिका कि तुम में कितनी ताकत है।

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