कलम तोड़कर
रख दी स्याही हाथ में
कहते है अब तकदीर लिखो
कल के हिंदुस्तान की
गवाह इतिहास है
दौलत की ताकत से
हूकुमत नहीं चला करती
दुनिया का रुख
हो जाता है उस तरफ
चल पड़ता है जिधर
गरीब, किसान, नौजवान और छात्र
देश है इनका
शिक्षा है इनकी
इसका व्यापार नहीं चलेगा
मानवता के पथ की शाला पर
इस तरह से धनवानों
को राज नहीं होगा
जाना होगा धनतंत्र की इस शिक्षा को
क्योंकि लोकतंत्र के असली वारिस
सामने आने लगे हैं
और तोड़ देगें
बाज़ार का ये कुचक्र
भरोसा दिलाने लगे हैं.
-आपका साथी
विनय जायसवाल
साथियों
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1 टिप्पणी:
कहते है अब तकदीर लिखो
कल के हिंदुस्तान की
गवाह इतिहास है
दौलत की ताकत से
हूकुमत नहीं चला करती .nice
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