13 जनवरी 2010

कश्मीरी होने के कारण माघ मेले से भगाया

इलाहाबाद, १३ जनवरी. कश्मीर के लोगों उनके अपने ही देश में जिस तरह शक की निगाहों से देखा जाता है इसका एक नमूना बुधवार को इलाहाबाद के संगम पर हर साल लगाने वाले माघ मेले में भी देखने को मिला. यहाँ कश्मीर के अनन्तनाग से आये शाल और ऊनी वस्त्र विक्रेताओं को विदेशी बता कर भगा दिया है. मेले में हर वर्ष की तरह इस बार भी करीब 17 कश्मीरी लोगों ने अपने स्टाल लगाये थे. उन्हें मेले एक एक ठेकेदार दिनेश कुमार पासी ने अवैध करार देते हुए तुरंत वहां से चले जाने की धमकी दी और उनके स्टोल उलट-पुलट दिए. कश्मीरी शाल विक्रेतावों ने प्रशासन को भी अपनी समस्या बताई लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया.
अनन्तनाग से आये एक विक्रेता गुलाम अहमद ने बताया की वह कश्मीर के खादी ग्रामोद्योग से जुड़े हुए हैं, और उनके पास इस बात के प्रमाण भी हैं. उन्होंने बताया की कश्मीर से वह 25 हज़ार रुपये खर्च कर आये थे. इससे पहले हम लोगों ने देहरादून में भी अपना स्टोल लगाया था. बुधवार को उनके स्टोल पर कुछ लोगों ने अचानक हमला बोल दिया और उन्हें विदेशी बताते हुए मेले से चले जाने को कहा. एक अन्य विक्रेता मोहम्मद इकबाल ने बताया की वो सभी कश्मीर के निवासी हैं और हर साल इस मेले में आते हैं. उधर, इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने इसकी निंदा करते हुए प्रशासन से कश्मीरी लोगों को परेशान करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग की है. पीयूसीएल के राजीव यादव, शाहनवाज़ आलम, विजय प्रताप व लक्ष्मण प्रसाद ने कहा की कश्मीरी लोगों के साथ उनके देश में ही ऐसा दुहरा व्यहार बर्दास्त के काबिल नहीं है.

फाइल फोटो

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