03 मई 2010

बलिया के सिकंदरपुर तहशील से धरने पर बैठी माँ और बेटी को उठवाने और धमकी के संधर्भ में

प्रति, अध्यक्ष
राश्ट्ीय मानवाधिकार आयोग

महोदय,
मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज की तरफ से हम आपका ध्यान यूपी के बलिया जिले की तहसील सिकंदपुर में 24 अपै्रल से धरने पर बैठी फूलमती देवी पत्नी स्वर्गीय ओम शंकर मिश्र की तरफ आकृश्ट कराना चाहेंगे। फूलमती देवी का 26-27 अपैल की रात से धरने स्थल से कुछ पता नहीं चल रहा है इस समय फूलमती की बेटी सीमा जो चौदह वर्श की हैं धरने पर बैठ गयी हैं। सीमा को लगातार जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी जा रही है। यह सब प्रशासन के सहयोग और उसकी सहभागिता से हो रहा है। इस बाबत जब पीयूसीएल ने सिंकदरपुर के तहसीलदार और थानाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसके पहले फूलमती को भी जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी जा रही थी कि वह तत्काल धरना बन्द कर दें और सुलह कर ले। इसमें तहसीलदार और थानाध्यक्ष का लगातार दबाव था। पर जब फूलमती धरने पर मांग न पूरा होने तक के अपने निर्णय पर टिकी रही तो उसको लगातार धमकी दी जाने लगी।
पिछली 24 अपै्रल से फूलमती अपने मकान पर कब्जा किए अपने किराएदार लल्लन सिंह का कब्जा हटाने को लेकर धरने पर बैठीं। दो वर्श पहले जब उनके पति की मृत्यु हो गयी तो उनके किराएदार ने फूलमती और उनकी बेटी सीमा को घर से मारकर भगा दिया और मकान पर कब्जा कर लिया। इसकी सूचना लगातार फूलमती प्रशासन को देती रहीं पर प्रशासन किसी भी कार्यवायी से बचता रहा। तहसीलदार और थानाध्यक्ष का दबाव था कि पैसा लेकर वह मकान छोड़ दे।
ऐसे में जबरन सुलह कराने और धरने स्थल से गायब करने जैसे अपराध पर हम आपसे मांग करते हैं कि आप तत्काल हस्तक्षेप कर पीड़ित पक्ष के मानवाधिकार हनन को रोकें। तहसील कैंपस के धरने स्थल से किसी को जबरन, वो भी पुलिस की मौजूदगी में उठाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का अपराधिक कृत्य है। ऐसे में संगठन मांग करता है कि दोशी पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाय।

द्वारा जारी-
बलवंत यादव
पीयूसीएल बलिया उत्तर प्रदेश
मो0-09451747170

प्रति-
1- अध्यक्ष राश्ट्ीय मानवाधिकारा आयोग
2- राज्य मानवाधिकार आयोग
3- प्रधानमंत्री
4- मुख्यमंत्री
5- डीजीपी उत्तर प्रदेश

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