प्रिय
सुब्रत राय साहब,
सप्रेम नमस्कार
आपके द्वारा समाचार पत्रों मे कामन वेल्थ गेम 2010 के लिए आम जनता के नाम की गयी मार्मिक अपील हमने पढी है। आपकी यह मार्मिक अपील उस समय समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुई है जब चारों ओर से कामन वेल्थ गेम आयोजन समिति पर भ्र्रष्टाचार और बेइमानी के सीधे आरोप लगे है। आपको और हमको यह नही भूलना चाहिए कि भ्रष्टाचार के आरेाप प्रथम दष्ृटया ही ऐसे है कि जिसे कोई नजरंदाज नही कर सकता। कृपया ध्यान दें कामन वेल्थ गेम के नाम पर आमआदमी के पैसे की बंदरबांट पिछले 2006 से ही आरंभ हो गयी थी। यह बात अलग है कि उस समय कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की बात नजरंदाज करते हुए कलमाडी एण्ड कंपनी ने लगातार मनमानी की। आपने अपनी मार्मिक अपील में लिखा है िक इस खेल का आयोजन इस देश के लिए गर्व की बात है ं। आप यह बताएं कि इस खेल आयोजन से भारत की कौन सी समस्या हल होती देख रहे है ं। जिस समय आम जनता भारी मंहगाई मे पिस रही हो और जिस 76 प्रतिशत जनता के लिए दोनो जून रोटी का भरोसा तक ना हो, वह देस पर और उसके इस आयोजन पर कैसे गर्व कर सकती है ।
अपनी मार्मिक अपील मे आपने यह लिखा है कि हजारों आयोजक और 23000 स्वयं सेवी चौतरफा आलोचना से गहरी निराशा मे जा रहे है। आप यह बताएं कि आम आदमी का पैसा मनमानी खर्च करके वेा हिसाब देने की जिम्मेदारियों से क्यो बच रहे है । अगर आयोजन समिति इतनी ही पाक साफ है तो वह यह सिद्ध कयों नही करती कि कही किसी किस्म का कोई घपला नही हुआ है। इसमे निराशा मे जाने जैसा क्या है । अगर वो पाक साफ है तो आम जनता को खर्च का पूरा हिसाब तत्काल दें दे ।ं
आपकी अपील मे लिखा है कि अगर किसी तरह की अनियमितता हुई हो तो इस खेल के आयोजन के बाद हर कार्यवाही अवश्य हो । क्या आपको अभी भी अनियमितता होने के बारे मे संदेह है । जबकि जांच एजेंसियां इस आयोजन मे प्रथम दृष्टया ही भारी अनियमितता मान चुकी है । दरअसल कई सामान्य बाते ही आयोजन समिति को गंभीर सवालों के कटघरे मे खडा कर देती है । जिस समय कलमाडी चौतरफा से घिर गये है और जिस तरह से आप की मार्मिक अपील कलमाडी की काली करतूतों के साथ खडी है, उसे हम बखूबी समझ सकते है ।
दर असल आपकी इस मार्मिक अपील मे भी आपकी मुनाफे की गंध छुपी है आप भी इस खेल के खेल मे भागीदार होकर प्रसारण अधिकार लेकर मलाई खाना चाह रहे है। और यह काम केवल हां हुजूरी से ही हो सकता है। क्योंकि अभी तक सारे टेंडर केवल उसके परिचितों को ही मिले थे । आपको लगता है िक इस तरह उसके साथ खडे होने से आप भी कुछ लाभ कमा सकते है ।
जहां तक खेल होने के बाद कार्यवाही की बात है, ठीक नही है तब तक मामला ही ठंडा हो जाएगा। कार्यवाही तत्काल हो । उन्हे आयोजन समिति से बाहर कर के तत्काल उन पर एफआइआर दर्ज हो । जहां तक मीडिया की अति का सवाल है यह एक अलग और गंभीर विचार का विषय है । और मीडिया ने इस खेल को उजागर कर कुछ भी गलत नही किया है।उसने तो वही कहा है जो उसने देखा है । और इसमे बदनामी जैसा क्या है ।
मै आपको एक सलाह दूंगा अगर आप भी किसी किस्म का टेडर चाहते है तो आप भी कलमाडी साहब को घूस दीजिए ब्यक्तिगत रिस्ते कायम कीजिए, लेकिन देश को बरगलाने की घटिया कोशिश न कीजिए क्योंकि गुलामी के इस प्रतीक का आयोजन देस को विश्वास मे लेकर नही किया जा रहा है ।
आपका
हरेराम मिश्र
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