28 दिसंबर 2010

लाखों पोस्टकार्डों के माध्यम से विनायक सेन की गिरफ्तारी का वाराणसी के बद्धिजीवी करेंगे प्रतिरोध

मानवाधिकार नेता विनायक सेन को उम्र कैद की सजा के विरोध मे वाराणसी के बुद्धिजीवियों, सामाजिक और छात्र-युवा संगठनो ने जिला मुख्यालय पर बैठक कर विरोध जताया। वक्ताओं ने न्यायपालिका कि विश्वसनियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम नागरिको कि आवाज को उठाने वाले मानवाधिकार नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओ के खिलाफ राज्य के दबाव मंे न्यायपालिका द्वारा लगातार इस तरह के निर्णय दिये जा रहे हैं। जिससे मानवाधिकार, भूख एवं भ्रष्टाचार जैसे जीवन से जुड़े मुददो की लडाई लडने वाले कार्यकर्ताओ व संगठनो की आवाज को हमेशा के लिए दबाया जा सके। ताकि राज्य व केन्द्र की दमनकारी नीतियो व निर्णयो का कोई विरोध न कर सके।
बैठक को संबोधित करते हुए PUCL के प्रदेश अध्यक्ष चितरंजन सिंह ने कहा कि न्यायालय ने फैसले के माध्यम से तमाम जनतांत्रिक आवाजों को यह चेतावनी दी है कि अगर राज्य के लूट तंत्र के खिलाफ वह आवाज उठाएंगे तो उनका हश्र भी यही होगा। इस प्रतिरोध में फादर आनंद, सुनील सहस्त्रबुद्धे, बल्भाचार्य, लेनिन रघुवंशी, चित्रा सहसत्रबुद्धे, सिद्धार्थ जी, बल्लभाचार्य पाण्डे, जवाहर लाल कौल, मुलचन्द सोनकर, राजेश, दिलीप कुमार, मो. मूसा, लक्ष्मण प्रसाद समेत अनेक शहर के बुद्धिजीवियों ने शिरकत की।
बैठक मंे निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति, मुख्यन्यायाधीश एवं छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री को लाखो की संख्या मे पोस्ट कार्ड भेज कर हम इस निर्णय पर विरोध दर्ज कराएंगे, ताकि भविष्य मे इस तरह के जनविरोधी निर्णय न हो सके।
जिलामुख्यालय पर हुई इस बैठक में CPI(ML), ब्सॉझा संस्कृति मंच, पहल, प्रगतिशील जनसगंठन, भारतीय किसान यूनियन, सूचना अधिकार अभियान, आसरा, लोक विद्या आश्रम, AISA, मानवाधिकार जन निगरानी समिति, प्रगतिशील लेखक मंच, आशा, आइसा, एशियन ब्रिज इण्डिया, प्रेरणा कला मंच, डिबेट सोसाइटी समेत शहर के बुद्धिजीवियों ने शिरकत की।
द्वारा जारी-
गुंजन सिंह
डिबेट सोसाइटी

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