04 मई 2011

हमलावरों के मददगार अफसरों पर कार्रवाई की माँग

लखनऊ। गोरखपुर में आज अंकुर उद्योग लि. नामक फैक्ट्री के मालिक द्वारा बुलाए गए गुण्डों द्वारा की गई गोलीबारी में 19 मज़दूरों के गम्भीर रूप से घायल होने की कड़ी भर्त्‍सना करते हुए विभिन्न जनसंगठनों और बुद्धिजीवियों ने फैक्ट्री मालिक और गुण्डों को तत्काल गिरफ्तार करने और उन्हें बचाने वाले प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की माँग की है।
इन जनसंगठनों की आज यहाँ हुई आपात बैठक में कहा गया कि घटना के तथ्यों से स्पष्ट है कि मजदूरों पर इस हमले में प्रशासन की पूरी मिली-भगत है। मजदूरों ने गोलीबारी करने वाले कुख्यात हिस्ट्रीशीटर प्रदीप सिंह और उसके गुंडों को फैक्ट्री के भीतर ही घेर रखा था लेकिन पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार करने के बजाय लगभग 20 मजदूरों को गिरफ्तार कर लिया और मज़दूरों को तितर-बितर करके गुंडों को वहां से निकाल दिया।

बैठक में माँग की गई कि हमला कराने वाले कारखाना मालिक अशोक जालान, गोली चलाने वाले प्रदीप सिंह और उसके गुंडों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये, हमलावरों को शह देने और उन्हें बचाने वाले प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारियों के विरुद्ध जाँच कराकर कठोर कार्रवाई की जाए, गिरफ्तार मजदूरों को तत्काल रिहा किया जाए और हमले में घायल मज़दूरों को अविलम्ब मुआवजा देने की घोषणा की जाए। इस पूरी घटना की न्यायिक जाँच करायी जाए क्योंकि स्थानीय प्रशासन पूरी तरह विश्वसनीयता खो चुका है।

बैठक में चेतावनी दी गई कि अगर प्रदेश सरकार ने तत्काल कार्रवाई नहीं की और स्थानीय प्रशासन इसी प्रकार स्थानीय भाजपा सांसद और उद्योगपतियों के इशारों का गुलाम बनकर मजदूरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के दमन-उत्पीड़न में भागीदार बना रहा तो लखनऊ से लेकर पूरे प्रदेश में और पूरे देश में हर स्तर पर इसका कड़ा विरोध किया जायेगा।

गोलीबारी में 19 मजदूर घायल हुए हैं जिनमें से जिला अस्पताल में भरती 18 मज़दूरों के नाम हैं : 1. विनोद सिंह पुत्र श्री रामसरूप सिंह 2. वीरेंद्र यादव पुत्र श्री मतिलाल यादव 3. इन्द्रदेव पुत्र श्री बिलास दास 4. अमित कुमार पुत्र श्री भूरे 5. रामानन्द साहनी पुत्र श्री शीतला प्रसाद 6. शैलेष कुमार पुत्र श्री रामाश्रय, 7. पप्पू जायसवाल 8. रामजन्म भारती पुत्र श्री गुल्लू भारती, 9. विनय श्रीवास्तव पुत्र श्री तेज नारायण, 10. देवेंद्र यादव पुत्र श्री विजय नाथ, 11, विनोद दुबे पुत्र श्री केदारनाथ, 12, ध्रुव सिंह पुत्र श्री रामरूप सिंह, 13. श्रीनिवास चैहान पुत्र श्री बच्चा चैहान 14. संदीप मेहता पुत्र श्री बाबूलाल सिंह 15. राजेश गुप्ता पुत्र श्री लक्ष्मीकांत गुप्ता, 16. कृष्णकुमार पुत्र श्री रामकिशोर, 17. शिवकुमार पुत्र श्री गिरजा राय और 18. देवेश सिंह पुत्र श्री भवानंद सिंह।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले से ही मीडिया में सुनियोजित ढंग से दुष्प्रचार अभियान शुरू किया गया था जिसमें कहा गया था कि अपने बुनियादी अधिकारों के लिए इन संघर्षरत मज़दूरों को बाहर से आये “माओवादियों” द्वारा भड़काया गया है। याद रहे कि दो साल पहले जब बरगदवा की 7 फैक्ट्रियों के मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर एक संगठित आन्दोलन शुरू किया था उस समय भी इस प्रकार की अफवाहें फैलाने की कोशिश की गई थी। गोरखपुर के भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ फैक्ट्री मालिकों का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। वे शुरू से ही मज़दूरों के आन्दोलन का विरोध करते हुए मज़दूर नेताओं को “हिंसा भड़काने पर तुले माओवादी“ कहते रहे हैं और पूरे मज़दूर आन्दोलन को यह कहकर बदनाम करते रहे हैं कि यह आन्दोलन “चर्च के पैसे से चल रहा“ है।

गोरखपुर का प्रशासन खुलेआम फैक्ट्री मालिकों का पक्ष ले रहा है। गोरखपुर के कमिश्नर ने 5 दिन पहले ही बयान दिया था कि “मज़दूरों को भड़काने वाले बाहरी तत्वों को बख्शा नहीं जायेगा और पुलिस उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।“ यह बयान गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के फैक्ट्री मालिकों की एक बैठक के तत्काल बाद आया जिसमें मालिकों ने प्रशासन से ऐसा करने के लिए कहा था। यहां तक कि उन्होंने तीन प्रमुख मज़दूर कार्यकर्ताओं तपिश मैन्दोला, प्रमोद कुमार और प्रशान्त को “माओवादी“ बताया था और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने को कहा था। इन तीन कार्यकर्ताओं को पहले भी 2009 में फर्जी मामला बनाकर गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मजदूरों तथा स्थानीय बुद्धिजीवियों के व्यापक विरोध के बाद ही छोड़ा गया था।

उल्लेखनीय है कि गोरखपुर के उद्योगपति मज़दूर मांगपत्रक आन्दोलन के तहत दिल्ली में आयोजित मई दिवस की रैली में भाग लेने से मज़दूरों को रोकने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे इस्तेमाल कर रहे थे। झूठे मामलों में लगभग एक दर्जन मज़दूरों की गिरफ्तारी की गई थी और यहां तक कि वी एन डायर्स लिमिटेड नाम की एक फैक्ट्री में तालाबंदी कर दी गई थी। लेकिन मज़दूरों ने बड़ी संख्या में मई दिवस की रैली में भाग लेकर मालिकों को करारा जवाब दिया। गोरखपुर से लगभग 2000 मज़दूरों ने मज़दूर मांगपत्रक आन्दोलन के तहत मई दिवस की रैली में भाग लिया जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आये हज़ारों मज़दूरों ने भाग लिया था। इससे फैक्ट्री मालिक और उनके राजनीतिक संरक्षक और भी बौखलाये हुए हैं और वे मज़दूरों को “सबक़ सिखाने“ की कोशिश कर रहे हैं।

बैठक में राहुल फाउण्डेशन की अध्यक्ष कात्यायनी, पत्रकार रामबाबू, जनचेतना से जुड़ी शालिनी, लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता शिवार्थ पाण्डेय, वयोवृद्ध सामाजिक कर्मी और अनुराग ट्रस्ट की अध्यक्ष कमला पाण्डेय, विमला सक्करवाल, लालचन्द आदि उपस्थित थे।

कृते
विमला सक्‍करवाल
9936451622

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