बर्तोलत ब्रेख्त उस कवि का नाम है जो जर्मनी में हिटलर कि नाजिशाही के खिलाफ अपनी कविता के हथियार से लड़ा .उनकी कवितायेँ , आज जुल्मातो के दौर में भी साम्राज्यवाद और फासीवाद के खिलाफ हमारा हथियार बन सकती हैं ।१० फरवरी को ब्रेख्त का जन्म दिवस की याद में उनकी कुछ कवितायेँ
विवाहित जोड़े
बिस्तरों पर लेटे हैं
जवान औरते
अनाथों को जन्म देंगी ___ ब्रेख्त
कमजोरियां
तुम्हारी कोई नहीं थीं
मेरी थी एक
मैं करता था प्यार ___ ब्रेख्त
1 टिप्पणी:
विजय जी
जुल्मतों के दौर का कवि _____ब्रेख्त"
को पढ़ा ।
अभी तक आप लोगों की लेखनी का कमाल देखता रहा था।
अब उम्मीद करता हूं कि ब्लाग के रूप में शुरू हुआ यह सफर भी लम्बा चलेगा।
केसर
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