24 मई 2008

घृणा के बीज


जयपुर धमाके के बाद के लगभग एक हफ्ते बाद अपने को राजस्थान का नम्बरवन अखबार कहने वाले राजस्थान पत्रिका ने एक सर्वे रिपोर्ट छापी है। इसका जो परिणाम आया है वह बिल्कुल ही अप्रतासित नही कहा जा सकता. स्थानीय मीडिया में घृणा का जो बीज बोया जा रहा यह उसीका पौधा है। इस सर्वे में ४२ प्रतिशत लोगों मानना है की विस्फोट में बांग्लादेशियों का हाथ है। स्थानीय मीडिया में जो खबर छाप रही हैं उसमे भी बंग्लादेशिओंको आतंकियों की तरह संबोधित किया जा रहा है। और बार बार उन्हें खदेड़ने की मांग की जा रही है। भाषा भी इसी जैसे वह कोई छोर हों । खैर मेहनत करके रोजी रोटी कमाने वालों के लिए ऐसे संबोधन नया नहीं है. और रिपोर्ट का ज़िक्र करना चाहूँगा जो मई के इंडिया टुडे में छपी है। इसमे आतंकियों द्वारा जयपुर को चुनने का कारन बताया गया हैकी "जयपुर में मुस्लिम आबादी भी रहती है जिससे आतंकियों को सिखाने पढ़ने और भरती कराने में आसानी से मदद मिल सकती है। उनके लिए विस्फोट के बाद छिपाना इस रिपोर्ट में साफरिपोर्ट लिखी है कोई रोहित परिहार ने। इस रिपोर्ट में मीडिया में मुसलमानों की क्या छवि है साफ झलकता है. आज मीडिया मुस्लमान और आतंकवादी में कोई फर्क नही कर रही है.

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

कामरेड को लालसलाम! और बताओ क्या चल रहा है। ब्लॉग पर थोड़ा और तेजी लाओ भाई। खैर पढकरसुकून मिलता है कि अपने बीच से लोग अच्छा लिख रहे हैं। मैं अच्छा तो नहीं लेकिन लिख रहा हूँ। आप सबके प्रयास को सम्मान मिला खुशी हुई......

बेनामी ने कहा…

कामरेड को लालसलाम! और बताओ क्या चल रहा है। ब्लॉग पर थोड़ा और तेजी लाओ भाई। खैर पढकरसुकून मिलता है कि अपने बीच से लोग अच्छा लिख रहे हैं। मैं अच्छा तो नहीं लेकिन लिख रहा हूँ। आप सबके प्रयास को सम्मान मिला खुशी हुई......

अपना समय