अंबरीश कुमार
लखनऊ, अप्रैल। जौनपुर लोकसभा सीट से इंडियन जस्टिस पार्टी के उम्मीदवार बहादुर सोनकर को मारकर बबूल के पेड़ पर लटका दिया गया। बहादुर सोनकर ने दो दिन पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि उनकी जन को खतरा है। हत्या के पीछे बसपा के बाहुबली उम्मीदवार धनंजय सिंह का हाथ बताया ज रहा है। हत्या के बाद शव को लेकर आज जौनपुर में काफी हंगामा हुआ और पुलिस ने कई बार लाठी चार्ज किया। घर वाले उसका शव ले जना चाहते थे लेकिन पुलिस उन्हें शव देने से इंकार कर रही थी। समूचे इलाके में तनाव फैल गया है। उत्तर प्रदेश के राजनैतिक दलों ने इस हत्याकांड की तीखी निंदा करते हुए इसे जंगल राज की एक बानगी बताया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उम्मीदवार की हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए बसपा के उम्मीदवार को गिरफ्तार करने की मांग की है। मुलायम सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने प्रमुख सचिव गृह को हटाया था जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें और ताकतवर बनाते हुए अपना प्रमुख सचिव बना दिया। मुलायम सिंह ने राज्य में अराजकता के माहौल का हवाला देते हुए जौनपुर कांड की तीखी भत्र्सना की। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि जौनपुर में उम्मीदवार की हत्या से साफ है कि प्रदेश में गैर बसपाई उम्मीदवारों की जन खतरे में है। जब उम्मीदवार की ही जन खतरे में हो तो कानून-व्यवस्था की स्थिति का अंदाज आसानी से लगाया ज सकता है। इस हत्याकांड से पुलिस प्रशासन के साथ-साथ बसपा के दलित प्रेम की कलई खुल गई है। इंडियन जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष उदित राज ने कहा-इस हत्याकांड की सीबीआई से जंच कराई जए और प्रदेश सरकार बर्खास्त की जए। बहादुर सोनकर के घरवालों का आरोप है कि हत्या के पीछे बसपा के बाहुबली उम्मीदवार धनंजय सिंह और स्थानीय पुलिस का हाथ है।
इसकी इत्तला चुनाव आयोग को भी दे दी गई थी। चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों ने जिला प्रशासन को बहादुर सोनकर के लिए सुरक्षा देने को कहा था लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया। नतीजतन कल रात उसका अपहरण कर लिया गया और आज सुबह उसका शव घर से कुछ ही दूरी पर बबूल के एक पेड़ से लटका मिला।
इस हत्याकांड को लेकर बहुजन समाज पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गई है। कल ही मायावती ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को गरीबों और मजलूमों का मसीहा बताया था।इस बीच राज्य सरकार ने मामले की उच्चस्तरीय जंच के आदेश दे दिए हैं।
जंच दल का नेतृत्व करने वाले अपर पुलिस महानिदेशक पद्मन सिंह जौनपुर रवाना हो गए हैं। दूसरी तरफ राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार विश्नोई ने कहा कि बहादुर सोनकर ने ११ तारीख को फैक्स कर अपनी जन के खतरे की सूचना दी थी और एक पुलिस अधिकारी व एक उम्मीदवार का नाम लिया था। जौनपुर से बहादुर सोनकर के भाई बाढू राम सोनकर ने इस मामले की जनकारी देते हुए कहा-कल रात धनंजय सिंह का वाहन पांच बार हमारे घर के आगे से गुजरा। रात में करीब दो बजे के बाद बहादुर सोनकर जो बाहर सो रहा था, नहीं दिखा। इसकी इत्तला पुलिस को की गई। बाद में सुबह करीब आठ बजे उसका शव पेड़ से लटका मिला।
चश्मदीदों के मुताबिक बहादुर सोनकर का शव आज सुबह बबूल के पेड़ से लटका मिला। जनकारों के मुताबिक कल रात से सुबह तीन बजे तक उसके मोबाइल फोन पर सीओ दीपेन्द्र चौधरी के कई बार फोन आए थे। जबकि बहादुर सोनकर ने दो दिन पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस और सत्तारूढ़ दल के नेता से अपनी जन को खतरा बताया था। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा का कोई इंतजम नहीं किया। इस घटना की कवरेज पर गए बीबीसी के पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी के साथ जौनपुर के सीओ सदर प्रकाश कुमार ने गाली-गलौच और हाथापाई की।
इंडियन जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष उदित राज ने कहा-यह घटना बसपा सरकार की कलई खोलने वाली है। चारों तरफ बसपा के गुंडो, बदमाशों और पुलिस का आतंक है। दुर्भाग्य की बात यह है कि मायावती के राज में एक दलित उम्मीदवार को मारकर उसकी लाश पेड़ पर टांग दी जती है और प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है। जौनपुर से बहादुर सोनकर के एक रिश्तेदार ने बताया कि पुलिस प्रशासन और एक स्थानीय नेता उन पर नाम वापस लेने का दबाव डाल रहे थे। इसको लेकर चुनाव आयोग को शिकायत तक की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अशोक मिश्र ने कहा-जब मायावती बाहुबलियों को गरीबों का मसीहा बताएंगी तो यही सब होगा। उत्तर प्रदेश में जिस तरह गुंडे, बदमाशों का महिमामंडन हो रहा है, उससे बसपा की असलियत सामने आ गई है।
भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा-मुख्यमंत्री मायावती जब माफियों और अपराधियों को क्लीन चिट देंगी तो प्रदेश सरकार व कानून-व्यवस्था लागू करने वाली एजंसियों की जरूरत ही क्या है। बसपा के राज में अपराधियों का राजनीतिकरण सबसे ज्यादा हुआ है।
साभार - विरोध
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