06 दिसंबर 2009

आधे बुदेलखंड की आधी आबादी का पलायन

अम्बरीश कुमार

पांच नदियाँ और भरपूर प्राकृतिक संसाधन के बावजूद बुंदेलखंड अपनी पांच करोड़ की आबादी नहीं संभाल पा रहा है । भूखे और सूखे बुंदेलखंड का किसान अब मुंबई और पंजाब ,गुजरात में ठिकाना तलाश रहा है ।आधे बुंदेलखंड की आधी आबादी का पलायन हो चूका है। महोबा से लेकर झाँसी तक देख ले ,झोला और बोरा बक्सा लेकर पलायन करता किसान दिख जायेगा । बुंदेलखंड के कई जिलों की आधी आबादी पलायन कर चुकी है। बुंदेलखंड में आने वाले १३ जिलों में से आधे जिले ऐसे हैं जहां सूखा और पानी की किल्लत के चलते कमोवेश आधी आबादी का पलायन हो चुका है। जिन जिलों में सबसे ज्यादा पलायन हुआ है, उनमें चित्रकूट, महोबा, छतरपुर, टीकमगढ़, बांदा, हमीरपुर, सागर आदि शामिल हैं। बुंदेलखंड में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के १३ जिले शामिल हैं। इनके पलायन के आंकड़े गौर करने वाले हैं। महोबा की कुल आबादी ७ लाख ८ हजार ४७ है जिसमें २ लाख ९७ हजार ५४७ लोग पलायन कर चुके हैं। छतरपुर की कुल आबादी १४ लाख ७४ हजार ६३३ है जिसमें ७ लाख ६६हजार ८0९ लोग पलायन कर चुके हैं। यह कुल आबादी का ५0 फीसदी है। इसी तरह टीकमगढ़ में १२ लाख की आबादी में करीब छह लाख लोग पलायन कर चुके हैं। बांदा की १५ लाख की आबादी करीब ७.५ लाख लोग पलायन कर चुके हैं। चित्रकूट की ७.५ लाख आबादी में से ३.५ लाख लोग पलायन कर चुके हैं। जलौन की १४ लाख ५४ लाख आबादी में से ५.३८ लाख लोग पलायन कर चुके हैं। ललितपुर की ९ लाख ७७हजार की आबादी में ३ लाख ८१ हजार लोग पलायन कर चुके हैं। ङांसी की १७ लाख ४४ हजार की आबादी में से ५ लाख ५८हजार लोग पलायन कर चुके हैं। सागर की २0 लाख की आबादी में से ८ लाख ४९ हजार लोग पलायन कर चुके हैं। जबकि दतिया में ३२ फीसदी, दमोह में २५ फीसदी और पन्ना में ३0 फीसदी आबादी पलायन कर चुकी है।यह आंकड़े भी कई महीने पुराने है और इसमें भी इजाफा हो चूका है ।
बुंदेलखंड की बदहाली की मुख्य वजह पानी की कमी, लगातार सूखा और उद्योग धंधों की कमी मानी जाती है।पिछले साल जब दिल्ली से आई केन्द्रीय टीम ने बुंदेलखंड का दौरा किया तो पता चला कि सात में से पांच जिलों में ५0 फीसदी से भी कम बारिश हुई औरसभी जिलों में जमकर पलायन हुआ । बुंदेलखंड का जो इलाका मध्य प्रदेश में आता है, वहां भी स्थिति काफी खराब रही। मध्य प्रदेश में सामान्य बारिश होने के बावजूद २00६-0७ में मध्य प्रदेश में आने वाले बुंदेलखंड के छह में से पांच जिलों में २७ से ४७ फीसदी कम बारिश हुई। वर्ष २00७-0८ में ४६ फीसदी कम बारिश हुई और इस वर्ष सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। बुंदेलखंड के ज्यादातर जिलों में सूखा पड़ा हुआ है।बुंदेलखंड आज राजनैतिक एजंडा भले बन गया हो पर किसान आज भी बदहाल है ।

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