02 फ़रवरी 2010

पीयूसीएल ने कांग्रेस पर मानवाधिकार उत्पीड़न का आरोप लगाया

कांग्रेसी सरकार के उत्पीड़न पर दिग्विजय सिंह जवाब दें - पीयूसीएल

बाटला हाउस समेत पूरे देश में हुए धमाकों की न्यायिक जांच करायी जाए - पीयूसीएल

शहजाद की गिरफ्तारी पर प्रदेश व केंद्र की सरकारें स्थिति स्पष्ट करें - पीयूसीएल

आजमगढ़ में आतंकवाद के नाम पर मानवाधिकार उत्पीड़न और कांग्रेस की भूमिका पर रिपोर्ट जारी


आजमगढ़ 2 फरवरी 10/
मानवधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज ने आजमगढ़ में आतंकवाद के नाम पर मानवाधिकार उत्पीड़न और कांग्रेस की भूमिका पर रिपोर्ट जारी करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। पीयूसीएल ने मांग की कि बाटला हाउस समेत पूरे देश में हुए धमाकों जिनमें आजमगढ़ के लोगों को आरोपी बताया गया की न्यायिक जांच करवायी जाय। संगठन ने आजमगढ़ से गिरफ्तार शहजाद के संबंध में कांग्रेसी नेता डा0 संतोष सिंह के बयान ‘प्रदेश सरकार के इशारे पर एटीएस ने गिरफतारी की यह घटना करायी’ को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए जांच की मांग की।
पीयूसीएल के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शाहनवाज आलम, राजीव यादव, मसीहुद्दीन संजरी और तारिक शफीक ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस को यूपी में उबारने आए दिग्विजय सिंह आजमगढ़ आने से पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि संजरपुर संघर्ष समिति द्वारा पीड़ित परिजनों ने उन्हें कांग्रेसी सरकार के उत्पीड़न की जो शिकायतें की थी उस पर क्या कार्यवाई हुयी। कांग्रेस शासित राजस्थान की जेलों में सांप्रदायिक आधार पर मारा-पीटा जाता है और बकरीद तक की नवाज को आतंक से जोड़ कर अदा नहीं करने दिया जाता इस पर कांग्रेस ने क्या कार्यवायी की। पीयूसीएल ने बाटला हाउस कांड की न्यायिक जांच न कराने को कांग्रेस की पैतरेबाजी बताया।

पीयूसीएल नेताओं ने डा0 संतोष सिंह के बयान को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह बयान पुष्ट करता है कि राजनीतिक दल अपना हित साधने के लिए आतंकवाद जैसे गंभीर मसले का इस्तेमाल करते हैं। शहजाद की गिरफ्तारी में जो सूचनांए आयी उसमें यूपी एटीएस के साथ राजस्थान पुलिस भी थी। ऐसे में दोनों प्रदेश सरकारों के सत्तासीन दल सवालों के कटघरे में आते हैं। इसी तरह जयपुर धमाकों के लिए सुषमा स्वराज ने कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया था। इन राजनीतिक बयानों को नागरिक समाज सिर्फ लफ्फाजी ने समझे क्योंकि यह आतंकवाद जैसे गंभीर मसले पर बयान है और आतंकवाद से पूरा विश्व त्रस्त है। पीयूसीएल नेताओं ने कहा कि हमारे राजनीतिक दलों का आतंकवाद से क्या रिश्ता है इसका रहस्योदघाटन पिछले दिनों नांदेड से लेकर मालेगांव में हो चुका है। ऐसे में यह मामला और संदिग्ध हो जाता है कि कांग्रेस ने लगातार मांग के बावजूद दिल्ली, रामपुर, मुंबई समेत किसी भी आतंकी घटना की जांच से भागती रही है।

पीयूसीएल ने रिपोर्ट में कांग्रेस के सांप्रदायिकता विरोधी मोर्चे को भ्रामक मुखौटा बताते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी करतूतों की वजह से आजमगढ़ के मुसलमानों को मुंह दिखाने लायक नहीं रह गयी थी। अगर इस पर कोई आपत्ती हो तो कांग्रेस बताए कि बाटला हाउस के साल भर से ज्यादा वक्त बीतने के बाद वह आज तक कहां थी। ऐसे में कांग्रेस ने मोर्चे का भ्रामक मुखौटा लगाकर अवसरवादी अमरेश मिश्रा जैसे लोगों जो कि बाटला हाउस के सवाल पर कांग्रेस पर सवाल उठाए थे के सहारे मुसलमानों की सहानुभूति बटोरने की फिराक में है। कांग्रेस की यह राजनैतिक नौटकी अमानवीय है इसकी जितनी निंदा हो कम है।

द्वारा जारी
राजीव यादव
प्रदेश संगठन मंत्री पीयूसीएल
मो0-09452800752

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