
उन्होंने कहा, "इस घटना के बाद मैं कांग्रेस के दूसरे कई वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रधानमंत्री से जाकर मिला था। प्रधानमंत्री द्वारा इस मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौपी गई थी, लेकिन जिन लोगों ने शिकायत की, उन लोगों को आयोग ने नहीं बुलाया।" कांग्रेस महासचिव ने कहा, "मैं कहने की स्थिति में नहीं हूं कि यह मुठभेड़ सही या गलत थी।"
बुधवार को सिंह संजरपुर जाकर उन परिवारों से मिले थे, जिनके घर के युवा दहशतगर्दी में आरोपित हैं। बाद में उन्होंने बाटला हाउस में हुए मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्होंने खुद मारे गए दो युवकों के फोटोग्राफ देखे थे, जिसमें एक लड़के की सिर में गोली लगी थी। मुठभेड़ में सामने से गोली चलेगी तो पेट या सीने में लगेगी न कि सिर पर। (एजेंसी)
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