ट्स्ट की लापरवाही से मारे गए लोग
जसमो व जेयूसीएस की जांच टीम पहुंची मनगढ़
जन संघर्ष मोर्चा व जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) का प्रदेश स्तरीय जांच दल ने प्रतापगढ़जिले के मनगढ़में संत कृपालु महाराज के आश्रम में भगदड़में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात किया। दल ने सर्वाधिक प्रभावित मियां का पूरा व बरई गांव का दौरा किया। दल ने पाया कि इतने बड़े पैमाने पर हुई मौतों के पीछे भक्ति धाम ट्स्ट प्रशासन जिम्मेदार है। जांच दल ने पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाया। इस हादसे में मियां का पूरा गांव के 6 लोगों की मौत हुई है। एक बच्चे हिमांशु का इलाहाबाद स्थित एसआरएन अस्पताल में इलाज चल रहा है। जांच दल ने पाया कि पूरे गांव में हताहत परिवार के लोगों को प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। मियां के पूरा गांव निवासी राम दुलारे पटेल जिनके दो पोते सुनील व रवि की इस हादसे में मौत हुई, बताते हैं कि वह भी घटना के समय वहां मौजूद थे। मौत के मंजर को काफी नजदीक से देखने वाले रामदुलारे ने बताया कि ट्स्ट के लोगांे ने भीड़को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले व पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया, जिससे वहां भगदड़मच गई। लोग घबराहट में एक दूसरे को कुचल कर निकलने की कोशिश करने लगे। इसके बाद आश्रम का गेट बंद कर दिया गया।
जांच दल ने मीडिया में अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि इस पूरी घटना के लिए भक्तिधाम आश्रम के लोग जिम्मेदार हैं। गरीब लोगों और बच्चों को मात्र एक लड्डू, तौलिया व थाली वितरित करने के लिए आश्रम के लोगों द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया। बड़ी संख्या में लोगांे के जुटने के बाद व्यवस्था सम्भालने में विफल ट्स्ट ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए दवायुक्त पानी की बौछारों का प्रयोग किया। जांच दल ने स्थानीय लोगों के बायान के आधार पर कहा कि हादसे में सरकार के दावे के विपरित 63 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जांच दल ने मृतकों व हादसे के कारणों की सही जानकारी के लिए न्यायिक जांच की मांग की है। जांच दल ने हादसे में मारे गए लोगों को दस-दस लाख रुपए का मुआवजा देने व मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग की। जांच दल में जन संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम यादव, प्रभावती कोल व जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) के राष्ट्ीय कार्यकारिणी सदस्य राघवेन्द्र प्रताप सिंह, हरेराम मिश्र व इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशुतोष तिवारी शामिल रहे।
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