14 मार्च 2010

पुलिस दमन के बाद बालू खनन माफिया सक्रीय

फूलचन्द निषाद
अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने बसपा नेता गिरीश पासी द्वारा पिपरहटा घाट पर लोडर लगाकर घाट से सूखी सूखी बालू उठाने और इसी तरह महिला में बालम व पिन्टू द्वारा तथा महेवा में बसपा सांसद कपिलमुनी करवरिया द्वारा सूखी बालू उठाने की कड़ी निन्दा की है। यह एस0पी0 कौशाम्बी कृपाशंकर सिंह और डी0एम0 कौशाम्बी लोकेश एम0 की देख रेख में किया जा रहा है। इन अफसरों ने पिछले दिनों ए0आई0के0एम0एस0 कार्यकर्ताओं पर गैरकानूनी सभाएं करने के फर्जी आरोप लगाकर कई केस दर्ज कर दिये थे और नन्दा का पूरा व उजैहिनी गांवों में पुलिस का तीव्र दमन कराया था। उसी की आड़ में यह सूखी बालू उठवाई जा रही है।
यह कदम कानून के भी विरूद्ध है और जमींदारी उन्मूलन कानून के अनुसार घाट की जमीन केवल खेती के लिए प्रयोग की जा सकती है और गरीबों को इसके आसामी पट्टे दिये जाने चाहिये। इस खुदाई से नदी के रास्ता बदलने का भी खतरा उत्पन्न हो जाता है। मायावती सरकार द्वारा मजदूरों पर तेज दमन का असली मकसद अब सामने आ गया है और सभी को स्पष्ट हो जाना चाहिये।
पुलिस द्वारा गांवों में कार्यवाही करने और पी0ए0सी0 के लगने के कारण गौजपुर के जमींदार वीरेन्द्र नारायण शुक्ला उर्फ लाला अब गरीब मजदूरों द्वारा बोई गयी मटर की फसल को कटवाने के प्रयास में है। गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूटना और गुण्डा टैक्स वसूली करना ये बड़े जमींदारों का पेशा है और बसपा सरकार इन्ही की सरकार साबित हो रही है।
इस बीच ए0आई0के0एम0एस0 का अभियान तेजी से चल रहा है और हर गांव में बड़ी जनसभाएं करते हुए जारी रहेगा। अगर प्रशासन ने मशीनें नहीं रोकीं और मजदूरों की बोई हुई फसल उन्हें नहीं काटने दी गयी तो वो अपनी जीविका को बचाने के लिए संघर्ष तेज करेंगे और किसी भी अनहोनी की जिम्मेदारी कौशाम्बी प्रशासन व बसपा सरकार पर ही जाएगा।

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