22 अप्रैल 2010

प्रति,
अध्यक्ष
राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग

महोदय,
मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज की तरफ से हम आपको एक जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में खेतों में लग रही आग के संदर्भ में प्रेशित कर रहे हैं। संगठन ने पिछले दिनों आजमगढ़ के मेंहनगर, तहबतपुर, निजामाबाद, अतरौलिया, मुबारकपुर, संठियांव, सरायमीर क्षेत्रों में खेतों, बागों, आसियानों आदि में लगी आग के कारणों की जांच की। ज्यादातर जगहों पर आग बिजली के तारों में हुयी स्पार्किंग की वजह से लगी। तहबतपुर क्षेत्र के मद्धेशिया गांव के जांच के दौरान संगठन ने देखा कि वहां आज भी जले हुए खेतों के उपर से हाईटेंशन तार गुजर रहा है जो काफी नीचे है। गांव के प्रेम नारायण राय, पंचदेव राय, हरिनाथ चौबे और योगेंद्र राय ने बताया कि नीचे लटके तारों की स्पार्किंग की वजह से आग लगी। उन लोगों ने बताया कि तारों को कसने के लिए बिजली कर्मियों को कई बार कहा गया पर बिजली विभाग वालों ने तार नहीं कसा। दो अपै्रल को जब दिन में तकरीबन ग्यारह साढ़े ग्यारह बजे आग लगी तो गांव वालों ने तहबतपुर थानाध्यक्ष को फोन किया तो उन्होंने कहा कि थानें आकर सूचना दो। तो वहीं दमकल बार-बार कहने के बावजूद घंटों बाद आया तो उसमें पानी ही नहीं था। गांव वालों के प्रयास से ही आग पर नियंत्रण हुआ। इस आग में लगभग पैंसठ परिवारों की तकरीबन 167 बीघा गेहूं, अरहर, गन्ना की फसल और कटहल-आम के बाग आग में खाक हो गए। मेंहनगर के पास गौरा गांव के राणा सिंह के अनुसार उनके खेत के पास स्थित विद्युत फीडर स्टेशन में हुयी शार्ट शर्किट में पच्चीस बीघा गेहूं खाक हो गया। जबकि फीडर स्टेशन से उनकी खेत में काफी दूरी है। इसी तरह मुबारकपुर के सोनपार के सुदामा ने बताया कि उनके गांव में बिजली के तारों की स्पार्किंग में बल्ली यादव, नंदलाल यादव और बलाउ यादव की फसल आग में खाक हो गयी। सरायमीर के पास स्थित शेरवां गांव में लगी आग में रामचंद्र, कुतुबुद्दीन, विनोद कुमार, जफर, दयाराम, किसुन यादव समेत कई लोगों का दस बीघा फसल आग में खाक हो गयी। इन लोगों के अनुसार गांव वालों ने खुद आग बुझाई कोई दमकल नहीं गया था।
हम संगठन की तरफ से मांग करते हैं कि सरकारी उदासीनता के चलते जल रही फसलों और आसियानों की उच्चस्तरीय जांच की जाय। क्योंकि जिला प्रशासन अपने को बचाने के लिए आग में हुयी खाक संपत्तियों का मूल्यांकन सही से नहीं कर रहा है। इसी तरह पिछले दिनों आजमगढ़ को मिला सूखा राहत का पैसा अधिकारियों के गलत मूल्यांकन की वजह से वापस चला गया जबकि पूरा जिला सूखे की चपेट में था। आग बुझाने में बरती गयी लापरवाही में दोशियों के खिलाफ कार्यवायी हो। ब्लाक स्तर पर दमकल की व्यवस्था हो। हम आग के मूल वजह में गावों में खंभों की दूरी को एक वजह मानते हैं जो बिजली विभाग का एक बहुत बड़ा घोटाला है। गांवों में ज्यादा दूर मानकों की अनदेखी करके लगाए गए खंभों की वजह से तार नीचे लटक जाते हैं जिससे स्पार्किंग हो जाती है। तो वहीं झूलते हुए तारों की वजह से विद्युत का भी नुकसान होता है। गावों में मानकों को दरकिनार करते हुए घटिया तारों का प्रयोग होता है और सुरक्षा विभाग जिस पर कोई कदम न उठाते हुए इस लूटघसोट में ही सक्रिय रहता है। ऐसे में हम मांग करते हैं बिजली विभाग द्वारा की गयी लापरवाही और घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की जाय। साथ ही इस मिलीभगत में कृशि विभाग और आपदा विभाग समेत उन विभागों की भी जांच की जाय जो साल दर साल खुद को बचाने के लिए नुकसान हुयी सम्पत्ती की गलत मूल्यांकन की रिपोर्ट भेजते हैं।

द्वारा जारी-
मसीहुद्ीन संजरी, राजीव यादव, तारिक शफीक, विनोद यादव, अंशू माला सिंह,
अवधेश यादव, चंद्रजीत राजभर, राजेंद्र यादव, अब्दुल्ला ;एडवोकेटद्ध, जीतेंद्र हरि पांडेय, शफीक ;एडवोकेटद्ध, अबू बकर, सुनील कुमार, ज्ञान चंद्र पांडे, श्याम लाल विश्वकर्मा, विनय श्रीवास्तव
सदस्य पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज ;पीयूसीएलद्ध आजमगढ़ उत्तर प्रदेश
संपर्क- 09452800752, 09455571488, 09935492703, 09450476417

प्रति-
1- अध्यक्ष राष्ट्रिय मानवाधिकारा आयोग
2- प्रधानमंत्री
3- मुख्यमंत्री
4- कृशि मंत्रालय भारत सरकार
5- कृशि मंत्रालय उत्तर प्रदेश
7- आवास विकास मंत्रालय भारत सरकार
8- आवास विकास मंत्रालय उत्तर प्रदेश
9- राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार

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