30 अप्रैल 2010

रेलवे में आईआरसीटीसी द्वारा जारी लूट पर रेलमंत्री के नाम पत्र

प्रति
ममता बनर्जी
रेल मंत्री,भारत सरकार

महोदया,

जर्नलिस्ट यूनियन फार सिविल सोसाइटी(जेयूसीएस) को भारतीय रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों से खान-पान की वस्तुओं के संबंध में इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। जिसके बाद जेयूसीएस ने एक टीम गठित कर इन शिकायतों की सत्यता जानने की कोशिश की। हमारी टीम ने बलिया से नई दिल्ली तक की यात्रा के दौरान ऐसी शिकायतों को सही पाया।
  टीम ने स्वतंत्रा सैनानी एक्सप्रेस (2561) की बोगी नम्बर एस-6,(पीएनआर नम्बर-6240235525) में सफर करते हुए जो शिकायतें पायी उसकी तरफ मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट कराना जरूरी समझती है। शिकायतें इस प्रकार हैं-
1.पूरे सफर के दौरान पैंट्रीकार के वेटर, चाय का दाम पांच रूपये वसूलते रहे,जबकि रेटलिस्ट में किसी भी तरह की चाय( स्टैंडर्ड चाय और डिप चाय) का दाम पांच रूपये नहीं है। आईआरसीटीसी की रेल लिस्ट में इस चाय का दाम क्रमश: तीन रूपये और चार रूपये दिया गया है। हांलाकि ये रेट लिस्ट भी हमारी टीम को पैंट्री कार में जाकर मिली।

2.पैंट्रीकार के वेटर के पास खासकर चाय-नाश्ता बेचने वाले कर्मियों के पास रेट लिस्ट नहीं पायी गई,जिससे वस्तुओं के दाम को लेकर बरगलाने की कोशिश की जाती है।
3.हमारी टीम द्वारा चाय की रसीद मांगने पर पैंट्रीकार ने जो रसीद उपलब्ध करायी,उसमें टी बैग चाय का दाम जोड़ा गया था,जबकि हमें स्टैंडर्ड चाय दी गई थी। साथ ही उसमें सर्विस टैक्स जोड़ा गया।( चाय का बिल नम्बर-1777,स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस,DBG-NDLS-DBG 2561/2562 है। जिस पर सर्विस टैक्स नम्बर AACFH5016PST001लिखा है। कैटरर – मेसर्स एच डी एंड संस) । एक मात्र पेंट्रीकार काउंटर के पास लगी रेट लिस्ट से पता चलता है कि सभी दामों में टैक्स जुड़ा होता है। इस बात की फोन पर शिकायत करने पर नई दिल्ली स्टेशन पर पहुचे अधिकारी ने 6 रूपये वापस कराये और पेंट्रीकार मैनेजर को इस बात के लिए कहा कि तुमने सर्विस टैक्स क्यों जोड़ा। शिकायत की रसीद का नम्बर-178152 है।
4.इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड ने अपनी वेवसाइट पर जागो ग्राहक अभियान के तहत सभी बोगियों में  रेट लिस्ट स्टीकर लगाने की बात कही है,लेकिन ऐसी कोई सुविधा किसी भी ट्रेन की बोगी में नहीं पायी गई,जिसके कारण यात्रियों में खाद्य पदार्थों के दाम को लेकर हमेशा भ्रम बना रहता है और वेटरों द्वारा मांगे गए दाम ही उन्हें चुकाना पड़ता है।
5.तय मात्रा से कम खाद्य सामान देने की भी शिकायतें आम हैं।
6.पेंट्रीकार के कार्मिकों का पूरा व्यवहार निराशाजनक पाया गया। वे न केवल तय दाम से ज्यादा दाम बताते और वसूलते हैं,बल्कि शिकायत करने पर यात्रियों को धमकाने की भी कोशिश करते पाये गये।

7.पैंट्रीकार मैनेजर से शिकायत पुस्तिका मांगने पर मैनेजर ने शिकायत पुस्तिका देने से इंकार कर दिया। मैनेजर ने टीम के सामने स्वीकार किया कि उसे उपर के अधिकारियों को पैसा देना पड़ता है इसलिए खाद्य पदार्थों के दाम बढा कर लिया जाता है।
8.परोसे जा रहे सामानों की गुणवत्ता कतई संतोषजनक नहीं पायी गई।
9.वेटर से बिल मांगने पर बिल देने में आनाकानी की गई और अंत में सिर्फ एक बिल ही उपलब्ध कराई गई।
  
  महोदया, हमें विभिन्न ट्रेनो में यात्रा करने वाले यात्रियों से कमोबेश ऐसी ही शिकायतें मिलती रही हैं, जिसके बाद जेयूसीएस द्वारा गठित जांच टीम भी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि भारतीय रेल से रोजाना यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों से रोजाना इस तरह की लाखों रूपयों की अवैध वसूली की जा रही है। हम मंत्रालय से मांग करते हैं कि इस तरह की अव्यवस्थाओं की स्वतंत्र टीम से जांच कराई जाये। साथ ही यात्रियों के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया भी बनाई जाये ताकि स्टेशनों और ट्रेनों में खान-पान के सामानों से जुड़ी घपलेबाजी पर अंकुश लग सके।



जांच टीम के सदस्य 
विजय प्रताप-09015898445
ऋषि कुमार सिंह-09313129941
अवनीश राय-09910638355
अरूण कुमार उंराव-09315519877
शाह आलम-09873672153
नवीन कुमार-09717370637

प्रति संप्रेषित-

  1.के एच मुनियप्पा
रेल राज्यमंत्री,भारत सरकार
  2.ई अहमद
    रेल राज्यमंत्री,भारत सरकार
  3.चेयरमैन,रेलवे बोर्ड
  4.सभी जोन के जनरल मैनेजर
  5.संसद सदस्य

जर्नलिस्ट यूनियन फार सिविल सोसाईटी(जेयूसीएस) की तरफ से जारी।

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