सच्चे परिवर्तन और अधिकार की लड़ाई में संघर्षरत बिहार की जनता के साथ खड़े हों
पांच वर्ष पहले नीतीश कुमार के नेतृत्व में जद(यू)-भाजपा गठजोड़, राजद के लम्बे अरसे के कुशासन के खिलाफ विक्षोभ की लहरों पर सवार होकर, बिहार में सत्तारूढ़ हुआ था. उनका वादा था कि बिहार में विकास लायेंगे, परिवर्तन लायेंगे और अपराध व भ्रष्टाचार का अंत कर देंगे. आज जब बिहार एक और चुनावी समर के लिये तैयार हो रहा है, तब नीतीश सरकार के पास कारपोरेट मीडिया द्वारा गढ़े गये शाइनिंग बिहार ब्रांड के सिवाय दिखलाने के लिये खास कुछ है ही नहीं. लोगों के सामने यह बात क्रमशः निखर कर आ रही है कि साख खो बैठी राजद सरकार और बहु-प्रचारित नीतीश सरकार के बीच धरावाहिकता है.
नये बिहार का वादा, जिस बिहार में सुशासन और न्याय के साथ तेज गति से विकास होगा, बिल्कुल झूठा साबित हुआ है. जड़ जमाये बैठी सामंती शक्तियों और निहित स्वार्थों के कड़े विरोध के सामने भूमि सुधार और शैक्षणिक सुधार के अत्यंत जरूरी एजेंडा का, जिन्हें खुद सरकार द्वारा नियुक्त आयोगों ने कलमबंद किया था, परित्याग कर दिया गया है. इसी बीच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कायम की गई निगरानी कमेटी को पता चला है कि बिहार में राशन प्रणाली देश की सबसे भ्रष्ट प्रणाली है, जबकि सीएजी ने बड़े पैमाने के खजाना घोटाले को खोज निकाला है, जिसमें हर साल बिना हिसाब के की गई निकासी की राशि छलांग लगाकर आगे बढ़ती गई है.
इस पृष्ठभूमि में, भाकपा(माले) लिबरेशन तमाम प्रतिकूल स्थितियों का मुकाबला करते हुए बिहार का चेहरा बदल देने तथा विकास, सम्मान और लोकतंत्र के अधिकार की दावेदारी तथा उन्हें हासिल करने के लिये ग्रामीण गरीबों एवं समस्त प्रगतिशील शक्तियों को गोलबंद करने का अनवरत संघर्ष चलाती रही है. चाहे घोटालों का पर्दाफाश करने का सवाल हो या भ्रष्ट राशन डीलरों को सजा देने का, बटाईदारों का पट्टा एवं खेती सम्बंधी सहायता पाने का अधिकार हो या ग्रामीण गरीबों की जमीन, मजदूरी और सम्मान की लड़ाई – भाकपा(माले) बिहार में जुझारू जनता के सामने संघर्ष, बलिदान और जीत का सबसे भरोसेमंद परचम बनकर उभरी है. आगामी चुनाव में भाकपा(माले) सामंती वर्चस्व और संस्थाबध्द लूट की शक्तियों के खिलाफ जनता की दावेदारी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिये संकल्पबध्द है. बिहार की जुझारू जनता के लिये चुनाव की लड़ाई का मैदान समतल नहीं होता. भाकपा(माले) का चुनाव प्रचार अभियान सम्पूर्णतः जनता पर निर्भर रहता है जिसके सहारे धनबल और सत्ता के बल का इस्तेमाल करने वाली विराटाकार शक्तियों से टक्कर ली जाती है. इस बार बिहार के कई हिस्सों में भयंकर सूखे व अकाल जैसी स्थिति मौजूद है, जिससे इस असमान लड़ाई में जनता के सामने और बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है. लेकिन आपके सक्रिय सहयोग और शुभाकांक्षा के बल पर हम एक बार िफर सारी प्रतिकूल परिस्थितियों पर जीत हासिल करने तथा जनता की दावेदारी के जरिये बिहार के परिवर्तन की लड़ाई को आगे बढ़ा ले जाने को संकल्पबध्द हैं.
इस चुनौतीभरी स्थिति में आप बिहार में भाकपा(माले) के चुनाव प्रचार अभियान को जिस किसी किस्म की सहायता कर सकें, हम उसके आकांक्षी हैं. कारपोरेटीकृत ‘पेड न्यूज’ के कानफाड़ू शोर का सामना करते हुए सच्चे परिवर्तन के लिये जनता के एजेंडा को उभारकर सामने लायें और जन संघर्षों की आवाज का समर्थन करें. जेल में बंद भाकपा(माले) नेताओं व कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग करें और जुझारू जनता को चुनावी तथा अन्य लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ अपना प्रतिवाद दर्ज करायें. हर संभव तरीके से निष्पक्ष चुनाव के लिये अपनी आवाज बुलंद करें ताकि जनता निर्भय होकर मतदान के अधिकार का इस्तेमाल कर सके. और अंत में, भाकपा(माले) के चुनाव प्रचार फंड में उदारतापूर्वक अपना महत्वपूर्ण योगदान करें.
क्रांतिकारी अभिनंदन के साथ
केन्द्रीय कमेटी,
भाकपा(माले)-लिबरेशन
भाकपा(माले)-लिबरेशन
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