25 अप्रैल 2011

योगी की साम्प्रदायिक प्रयोगशाला में गई सोहराब की जान

प्रति,
   अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) की
तरफ से हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के शेखपुर के रहने
वाले सोहराब पुत्र जीमल खां की ओर आकृष्ट कराना चाहतें हैं, जिनकी 24
मार्च 2011 को हत्या कर दी गई थी। PUCL को इस घटना की जांच के दौरान
ऐसी जानकारियां मिली जिससे यह प्रतीत होता है कि इस हत्या का आधार लूट के
साथ सांप्रदायिक मानसिकता भी थी जिसमें हिंदु युवा वाहिनी नामक संगठन के
लोग शामिल थे।
   जांच के दौरान सोहराब के भाई रोमी खां ने बताया कि सोहराब हरियाणा
में राठी हेचरी में काम करता था। राठी हेचरी की एक शाखा गोरखपुर के
बरगदवां में हैं। सोहराब 26 मार्च को अपनी बुआ के निकाह में शामिल होने
के लिए घर आ रहा था उसके पास तकरीबन चालीस हजार रुपए और काफी मात्रा में
नए कपडे़ और सामान था। राठी हेचरी के ही एक ट्रक से सोहराब जब 24 मार्च
को घर के लिए आ रहा था तो उसने तकरीबन साढ़े सात बजे जब वह खलीलाबाद
पहुंचा तो ट्रक ड्राइवर के मोबाइल से अपने भाई नदीम को फोन किया कि वह दस
बजे के तकरीबन बरगदवां, गोरखपुर पहुंच जाएगा। रात दस बजे जब भाई सोहराब
को लेने के लिए बरगदवां गया तो पता चला कि सोहराब जा चुका है। इसके बाद
यह बात सोचा गया कि सोहराब हमारे आने से पहले ही घर के लिए निकल गया होगा
या फिर किसी परचित के यहां गया होगा। पच्चीस की रात को मालूम चला कि
सोहराब की हत्या कर दी गयी है।
    इस हत्या के संदर्भ में 25 मार्च 2011 को दर्ज मुकदमा अपराध संख्या
1821/11 विजय कुमार पुत्र कैलाश भगवानपुर थाना चिलुवाताल के तहत कहा गया
है कि आज सुबह 3 बजे प्रातः एक अज्ञात व्यक्ति राम भवन के घर में घुस गया
था जिसे लोग चोर समझकर मारने पीटने के बाद छोड़ दिया गया था। जो बाद में
मंदिर के पास ग्राउंड में टहलते हुए गया। करीब दिन के 2 बजे उसकी मौत हो
गई। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सोहराब के साथ जहरखुरानी कर उसे
भगवानपुर के पास छोड़ दिया गया था। जहां लोगों ने उसे चोर समझकर मारापीटा
जिससे उसकी मौत हो गई।
   PUCLने अपनी जांच के दौरान पाया कि सोहराब की हत्या के पीछे
सांप्रदायिक लोगों का हाथ है। गोरखपुर क्षेत्र में लंबे समय से हिंदु
युवा वाहिनी के कार्यकर्ता ऐसी अनेकों घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। इस
घटना के संदर्भ मंे चिलुवाताल थाने ने चंदन गोरखपुरी और एक अन्य व्यक्ति
को हिरासत में लिया था। पर बाद में गोरखपुर से भाजपा के सांसद योगी
आदित्यनाथ जो हिंदु महासभा और हिंदु युवा वाहिनी को संचालित करते हैं और
जिनकी संलिप्तता देश में हुए विभिन्न आतंकी घटनाओं और दंगों में उजागर
हुई है के दबाव में आकर पुलिस ने दोनों गिफ्तार युवकों का छोड़ दिया। जहां
तक भगवानपुर के विजय द्वारा जो एफआईआर लिखवाया गया है वो भी काफी संदिग्ध
है। क्योंकि सोहराब के भाई के अनुसार उसको इतना मारा गया था कि उसके पैर
की हड्यिां बुरी तरह से टूट गई थी वो चल फिर सकने की स्थिति में नहीं रहा
होगा।
    ऐसे में हम आयोग से मांग करते हैं कि इस घटना की गंभीरता को संज्ञान
में लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाय। क्योंकि सांप्रदायिक आधार
पर इस तरह हमला करने की प्रवृत्ति इस क्षेत्र के हिंदुत्ववादी संगठनों की
आम हो गयी जिससे उन पर लगाम लग सके।
दिनांक- 12 अप्रैल 2011
                                            द्वारा-

                                 शाहनवाज आलम, राजीव यादव
                                  प्रदेश संगठन मंत्री PUCL
                                     द्वारा- गुलाब सोनकर
                         81डी/1ए छोटा बघाड़ा (विधायक लाज के बगल में)
                              पो0आ0- कचहरी, इलाहाबाद उत्तर प्रदेश
                                 मो0- 09415254919, 09452800752

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