22 जून 2011

किसानों को हवालातों में दी जा रही यातना मानवाधिकार हनन का गंभीर मसला- PUCL

मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज
(PUCL) के जिला प्रभारी तारिक शफीक और विनोद यादव ने जहांनागंज के
बबुरा निवासी यसवंत यादव का अतिरिक्त मजिस्टेªट नुरुल हसन के समक्ष 20
जून 2011 को बयान दर्ज करवाया। PUCL ने कर्ज के बोझ से दबे किसानों
को गैरकानूनी व अपराधिक तरीके से उठाकर तहसीलों और जेलों के हवालातों में
दी जा रही यातनाओं को मानवाधिकार हनन का गंभीर मसला बताते हुए किसानों के
ऐसे सवालों को उठाया है।


यह बयान PUCL के प्रदेश संगठन सचिव राजीव यादव और प्रदेश संयुक्त
सचिव मसीहुद्दीन संजरी द्वारा राज्य मानवाधिकार आयोग को 15 अप्रैल 2011
को भेजे शिकायती पत्र के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा आजमगढ़ के
मण्लायुक्त को भेजे गई नोटिस के बाद कि ‘‘वह प्रकरण की निष्पक्ष जांचकर
आख्या आयोग को एक माह में प्रेषित करें’’ के बाद दर्ज किया गया है।

29मार्च 2011 को यशवंत जब दो पहिया वाहन से जा रहे थे तो सेमा और रोशनपुर
गांव के बीच में राह चलते तहसीलदार ने यशवंत को उठवा लिया। इस बात की
जानकारी दूसरे दिन समाचार पत्रों में छपी खबरों से मालूम चला कि यशवंत को
तहसील वाले उठा ले गए। यशवंत की पत्नी नरमी ने बताया कि यशवंत ने उससे
बताया था कि जब उसे तहसील के हवालात में बंद कर दिया गया तो उसकी तबीयत
काफी बिगड़ गई। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल आजमगढ़ लाया गया जहां से उसे
जेल भेज दिया गया। यशवंत यादव ने अपने बयान में दोषी अधिकारियों के खिलाफ
सख्त कार्यवाई की मांग करते हुए भारत सरकार से मांग की कि उसका कृषि ऋण
माफ किया जाय।

PUCL नेता तारिक शफीक और विनोद यादव ने कहा कि जिस तरह से आपराधिक
तरीके से यशवंत को तहसील के लोगों ने उठाया और परिवार को कोई सूचना नहीं
दी इस पर सख्त कार्यवाई की जाय। जिस तरह से किसान देश में आत्म हत्या कर
रहें हैं वैसी स्थिति में इस तरह से किसानों को जलील करने पर अगर कोई
अनहोनी होती है तो इसके लिए राज्य जिम्मेदार होगा। ऐसे में प्रशासन पर
सख्त कार्यवाई की जाय और इस घटना में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ जल्द से
जल्द कार्यवाई की जाय।
                                              द्वारा जारी-

                                           मसीहुद्दीन संजरी
                                      प्रदेश संयुक्त सचिव PUCL
                                           मो- 09455571488


प्रति,
   अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) का
जांच दल पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के समाचार पत्रों में आई
खबर को संज्ञान में लेते हुए जहांगंज के बबुरा गांव निवासी यसवंत यादव
पुत्र विश्वनाथ यादव के घर गया। घर पर यशवंत की पत्नी नर्मी ने बताया कि
यशवंत ने ट्रैक्टर के लिए लोन लिया था। यशवंत 29 मार्च 2011 को जब दो
पहिया वाहन से जा रहे थे तो सेमा और रोशनपुर गांव के बीच में राह चलते
तहसीलदार ने यशवंत को उठवा लिया। इस बात की जानकारी दूसरे दिन समाचार
पत्रों में छपी खबरों से मालूम चला कि यशवंत को तहसील वाले उठा ले गए।
नर्मी ने बताया कि यशवंत ने उससे बताया कि जब उसे तहसील के हवालात में
बंद कर दिया गया तो उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल
आजमगढ़ लाया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
    आयोग का हम ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं कि जिस तरह से आपराधिक
तरीके से यशवंत को तहसील के लोगों ने उठाया और परिवार को कोई सूचना नहीं
दी इस पर सख्त कार्यवाई की जाय। हम आयोग से मांग करते हैं कि जिस तरह से
किसान देश में आत्म हत्या कर रहें हैं वैसी स्थिति में इस तरह से किसानों
को जलील करने पर अगर कोई अनहोनी होती है तो प्रशासन पर सख्त कार्यवाई की
जाय और इस घटना की जांच करवाई जाय।
दिनांक- 15 अप्रैल 2011
                                          द्वारा-

                               राजीव यादव, मसीहुद्दीन संजरी
                                 प्रदेश संगठन मंत्री पीयूसीएल
                                    द्वारा- गुलाब सोनकर
                      81डी/1ए छोटा बघाड़ा (विधायक लाज के बगल में)
                            पो0आ0- कचहरी, इलाहाबाद उत्तर प्रदेश
                                     मो0- 09452800752

कोई टिप्पणी नहीं:

अपना समय